नयी दिल्ली, 10 दिसंबर सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 30 सितंबर तक 3.16 लाख करोड़ रुपये थीं, जो बकाया ऋण का 3.09 प्रतिशत है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2024 तक पीएसबी और निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए क्रमशः 3,16,331 करोड़ रुपये और 1,34,339 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, बकाया ऋण के प्रतिशत के रूप में सकल एनपीए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 3.09 प्रतिशत और निजी क्षेत्र के बैंकों में 1.86 प्रतिशत था।
चौधरी ने आगे कहा कि 31 मार्च, 2024 तक, 580 अद्वितीय उधारकर्ताओं (व्यक्तियों और विदेशी उधारकर्ताओं को छोड़कर), जिनमें से प्रत्येक पर 50 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण बकाया है, को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जानबूझकर भुगतान ना करने वालों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता के क्रियान्वयन के जरिये बैंकों द्वारा निपटाए गए मामलों की संख्या और नुकसान की राशि के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 30 सितंबर, 2024 तक 1,068 कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रियाओं में समाधान योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों से बैंकों समेत कर्जदाताओं को 3.55 लाख करोड़ रुपये की वसूली की गई।
चौधरी ने कहा कि इसके अलावा, इन मामलों में, बैंकों सहित लेनदारों का कुल दावा 11.45 लाख करोड़ रुपये था, जबकि कुल परिसमापन मूल्य 2.21 लाख करोड़ रुपये था।
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