देश की खबरें | सरकारें जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदारी से बचने के बहाने के रूप में इस्तेमाल करती हैं : कार्यकर्ता

नयी दिल्ली, छह दिसंबर कार्यकर्ता और फोटोग्राफर एकलव्य प्रसाद ने जलवायु परिवर्तन पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह राजनेताओं और नौकरशाहों के लिए जिम्मेदारी से बचने का एक अच्छा बहाना बन गया है।

प्रसाद की नवीनतम फोटो प्रदर्शनी का बृहस्पतिवार को यहां उद्घाटन हुआ। यह उत्तर बिहार में बाढ़ की वास्तविकता को दर्शाती है, जिसमें जीवित रहने, निराशा और दृढ़ता की कहानियां हैं।

वर्ष 2005 से मेघ पाईन अभियान का नेतृत्व करते हुए वे बाढ़ प्रभावित समुदायों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं।

लेकिन वह सरकार के त्वरित समाधान वाले दृष्टिकोण से प्रभावित नहीं हैं।

उन्होंने कहा, "वे केवल तटबंध बनाते हैं। एक बह जाता है तो वे दूसरा बना देते हैं। इसका क्या मतलब है? कामचलाउ समाधानों के बजाय बाढ़-रोधी आवासों में निवेश क्यों नहीं किया जाता?"

यह पूछे जाने पर कि क्या जलवायु परिवर्तन से प्रभावित समुदायों की अनदेखी की जा रही है, प्रसाद ने स्पष्ट जवाब दिया, "सरकारें जलवायु परिवर्तन को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन एक भूमिका निभाता है, लेकिन यह पूरी कहानी नहीं है। इसमें गहरे व्यवस्थागत मुद्दे भी शामिल हैं।"

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा कि यह प्रदर्शनी इस बात पर जोर देती है कि बाढ़ केवल मानसून के दौरान तीन महीने की विपत्ति नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह इन समुदायों के वर्ष भर के संघर्ष को दर्शाता है तथा इन चुनौतियों से निपटने के लिए टिकाऊ, केन्द्रित हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

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