जरुरी जानकारी | अंतरराष्ट्रीय जस्ता संपत्तियां एचजेडएल को बेचने की वेदांता की योजना पर कानूनी विकल्प तलाशेगी सरकार

नयी दिल्ली, 20 फरवरी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) को अपनी वैश्विक जस्ता संपत्तियां बेचने की वेदांता की योजना का सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने इस सौदे से जुड़े मामलों में सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की बात कही है।

सरकार ने वेदांता की इकाई एचजेडएल से इन संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए दूसरे नकदी रहित तरीकों का पता लगाने को भी कहा है।

खान मंत्रालय ने 17 फरवरी को एचजेडएल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हमें भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए गए नामित निदेशकों से पता चला है कि 19 जनवरी, 2023 को हुई कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में पूर्व स्वामित्व वाली उसकी विदेशी अनुषंगी कंपनी के गठन को मंजूरी दी गई। ऐसी अनुषंगी इकाई को 298.1 करोड़ डॉलर की सीमा तक वित्तपोषण दिया जाएगा और सहायक कंपनी टीएचएल जिंक वेंचर्स लिमिटेड (वेदांत समूह की एक इकाई) से टीएसएल जिंक लिमिटेड के शेयरों का अधिग्रहण करेगी।’’

पत्र में आगे कहा गया, ‘‘हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि भारत सरकार इस तरह के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी और इस संबंध में उपलब्ध हर कानूनी रास्ते को तलाशेगी।’’

पत्र में मंत्रालय ने कंपनी से इन परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए दूसरे नकदी रहित तरीकों का पता लगाने को कहा है।

हिंदुस्तान जिंक में सरकार की 29.54 हिस्सेदारी है। एचजेडएल ने मंत्रालय से पत्र मिलने की बात स्वीकार की है और शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि प्रस्तावित लेनदेन आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी के बाद ही किया जा सकता है।

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