नयी दिल्ली, 25 फरवरी. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार नीरव मोदी के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिये ब्रिटिश प्राधिकारियों से संपर्क करेगी. इससे कुछ ही घंटे पहले ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत प्रत्यर्पण किये जाने के खिलाफ इस भगोड़े कारोबारी की याचिका को खारिज कर दिया था. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में जालसाजी और धनशोधन के आरोपों पर भारत में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी बृहस्पतिवार को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपना मुकदमा हार गया. ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने कहा कि उसके खिलाफ मामला है जिसमें उसे भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना है और ऐसी मानवाधिकार संबंधी कोई चिंता की बात नहीं है कि उनकी चिकित्सा संबंधी जरूरतों को भारत सरकार के आश्वासन के तहत पूरा नहीं किया जायेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा कि चूंकि वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले को ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को भेजने की बात कही है, ऐसे में भारत सरकार जल्द ही उसे प्रत्यर्पित किये जाने को लेकर ब्रिटिश प्राधिकारियों से संपर्क करेगी. श्रीवास्तव ने कहा कि नीरव मोदी द्वारा उठाये गए मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को खारिज करते हुए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा कि नीरव मोदी ने साक्ष्य नष्ट करने और गवाहों को धमकाने की साजिश रची. यह भी पढ़ें-Nirav Modi Extradition: नीरव मोदी को जल्द लाया जाएगा भारत, UK की अदालत ने सुनाया फैसला
गौरतलब है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के आग्रह पर अगस्त 2018 में ब्रिटेन से नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किये जाने की मांग की गई थी । प्रत्यर्पण वारंट पर नीरव मोदी को मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था। वह प्रत्यर्पण मामले में अदालती सुनवाई में वेंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिस्सा लेता था। जमानत के लिए मजिस्ट्रेट और उच्च न्यायालय स्तर पर उसकी कई याचिकाएं खारिज कर दी गयी क्योंकि उसके भागने का खतरा है।
दीपक