नयी दिल्ली, 12 अप्रैल देश में सहकारिता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि प्राथमिक कृषि साख समितियों (पीएसीएस) को अपने थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों को खुदरा दुकानों में बदलने का विकल्प दिया जाएगा।
सरकार ने कहा कि थोक पेट्रोल और डीजल डीलरशिप लाइसेंस वाली पीएसीएस को यह विकल्प एक बार ही दिया जाएगा।
सरकार ने आगे कहा कि देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए पीएसीएस को नये पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। इन समितियों को एलपीजी डीलरशिप भी मिल सकेगी।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक ये फैसला सहकारिता मंत्री अमित शाह और पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ हुई एक बैठक में लिया गया।
इसके अलावा बैठक में फैसला किया गया कि चीनी सहकारी मिलों को एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम के तहत एथनॉल बेचने को प्राथमिकता दी जाएगी।
बयान में कहा गया, ''पेट्रोलियम मंत्रालय एलपीजी वितरण के लिए पीएसीएस को योग्य बनाने के लिए नियमों में भी बदलाव करेगा। पीएसीएस को नए पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन के लिए स्वतंत्रता सेनानियों और खेल कोटा के साथ संयुक्त श्रेणी 2 (सीसी 2) के तहत रखा जाएगा।
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