ईटानगर, आठ सितंबर अरुणाचल प्रदेश की एक प्रभावशाली जनजातीय संस्था ने रविवार को बयान जारी कर सरकार से पूर्वोत्तर राज्य में अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया।
राज्य में समुदाय आधारित संगठनों की शीर्ष संस्था ‘अरुणाचल इंडिजनस ट्राइब फोरम’ (एआईटीएफ) ने ‘‘राजधानी क्षेत्र सहित अंतर-राज्यीय सीमावर्ती जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों के आने पर गंभीर चिंता जताई और सरकार से इस खतरे को रोकने का आग्रह किया।’’
यहां समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ) के साथ शनिवार को हुई एक बैठक में एआईटीएफ ने अवैध आव्रजन के कारण सुरक्षा, जनसांख्यिकीय असंतुलन और सामाजिक-आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और सामाजिक-राजनीतिक प्रभावों पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों पर विचार-विमर्श किया।
संस्था ने दावा किया, ‘‘राज्य के विभिन्न स्थानों पर हाल ही में पकड़े गए अवैध देह व्यापार गिरोह में ऐसे अवैध प्रवासियों की संलिप्तता संदेह से परे साबित हो चुकी है। सभी पूर्वोत्तर राज्य बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण अवैध प्रवासियों की समस्या का सामना कर रहे हैं क्योंकि पड़ोसी देश की स्थिति के कारण वहां के नागरिकों को हमारे देश के राज्यों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अंततः अरुणाचल प्रदेश पड़ोसी राज्यों के माध्यम से अवैध प्रवासियों की शरण के लिए आसान लक्ष्य है।’’
संस्था ने इस घुसपैठ को अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा माना और राज्य सरकार से संपर्क करने का निर्णय लिया तथा उससे इस मुद्दे को युद्ध स्तर पर उठाने तथा असम और अन्य राज्यों के साथ अंतरराज्यीय सीमाओं पर सभी प्रवेश द्वारों पर चौकसी बढ़ाने का आग्रह किया।
एआईटीएफ ने सरकार से राज्य की सुरक्षा के लिए अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए मिशन के आधार पर पर्याप्त बल तैनात करके पूरे राज्य में आईएलपी क्षेत्र में गहन जांच करने का भी आग्रह किया।
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