नयी दिल्ली, 15 दिसंबर केन्द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 के नए मामलों और संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी आयी है जो अच्छी खबर है। साथ ही, उसने किसी भी प्रकार की ढिलाई के खिलाफ आगाह किया।
सरकार ने चेताया कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के प्रति ‘अतिसंवेदनशील’ है और हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।
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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी. के. पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसे में जबकि पूरी दुनिया में, खास तौर से अमेरिका और यूरोप में, कोविड-19 के मामले और संक्रमण से होने वाली मौतें बढ़ रही हैं, दुनिया में स्थिति चिंताजनक हो गई है। इसके विपरीत भारत में हालात संतोषजनक हैं, संक्रमण के नए मामलों और उससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आ रही है।
किसी भी तरह की ढिलाई के प्रति आगाह करते हुए पॉल ने कहा, ‘‘मृत्यु दर घट रही है और यह प्रति दिन 400 से कम रह गयी है। नये मामले भी घटकर एक दिन में करीब 22,000 रह गए हैं। ऐसी संख्या हमने जुलाई में देखी थी। इसलिए यह बेहतर स्थिति है। देश के रूप में हम बेहतर कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम जीवन रक्षा कर रहे हैं। लेकिन याद रखें कि इसे हल्के में ना लें। देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के प्रति ‘अतिसंवेदनशील’ है। हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।’’
पॉल ने कहा कि वैश्विक स्थिति को देखते हुए भारत में दूसरी या तीसरी लहर शुरू हो सकती है। हालांकि, ठोस अनुमान लगा पाना कठिन है।
दिल्ली में हालात में सुधार होने की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम दिल्ली सरकार और अन्य सरकारों को भी बधाई देते हैं जिन्होंने हाल ही में महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’
हालांकि, पॉल ने उत्तराखंड, नगालैंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि स्थानीय सरकारों की मदद से महामारी को नियंत्रित करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोविड-19 का पता लगाने के लिए अब तक 15.55 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की गई है। देश में लोगों के संक्रमित होने की औसत दर घटकर 6.37 रह गई है, वहीं रोजाना की संक्रमण दर पिछले सप्ताह घटकर मात्र 3 प्रतिशत रह गई।
भूषण ने कहा, भारत में संक्रमण से होने वाली मौतों की दर भी दुनिया में सबसे कम है। वर्तमान में भारत में मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है जबकि इसकी वैश्विक दर 2.26 है।
कोविड-19 टीकाकरण अभियान की तैयारी के बारे में भूषण ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिकल और गैर-इलेक्ट्रिकल कोल्ड स्टोरेज चेन की क्षमता का आकलन करने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए राज्यों को कहा गया है। टीकाकरण स्थल पर चलाए जाने वाले सत्र और कोल्ड चेन की व्यवस्था के संबंधा में दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है ।
भूषण ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के बाद किसी प्रतिकूल असर की आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल असर का भी एक महत्वपूर्ण पहलू है और राज्यों से प्रत्येक ब्लॉक में टीकाकरण के बाद ऐसी कम से कम एक घटना को चिन्हित करने के लिए कहा गया है ।
उन्होंने कहा, ‘‘दशकों से चल रहे सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान में भी टीके की खुराक के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कभी कभार प्रतिकूल प्रभाव नजर आते हैं। इसलिए हम कोविड-19 टीकाकरण शुरू होने के बाद प्रतिकूल असर की आशंका को खारिज नहीं कर सकते। जिन देशों में टीकाकरण शुरू हुआ है जैसे कि ब्रिटेन में भी टीका लगाने के पहले दिन से प्रतिकूल असर के भी मामले आए हैं। इसलिए यह जरूरी है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इसके लिए भी तैयारी करे।’’
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