नयी दिल्ली, एक नवंबर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोमवार को मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशानिर्देशों के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) जारी किये। इसका उद्देश्य इंटरनेट और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के बीच नए नियमों के लक्ष्यों और प्रावधानों की बेहतर समझ बनाना है।
एफएक्यू जारी करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए खुला, सुरक्षित और भरोसेमंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबरस्पेस ऐसी जगह नहीं हो सकती, जहां अपराध को शरण मिले।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में ऐसे सवाल शामिल होते हैं, जिनके बारे में नियमों को लेकर लोग सबसे ज्यादा जानकारी चाहते हैं। इससे उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट और सोशल मीडिया के मानदंडों को समझने में आसानी होगी।
भारत ने इस साल की शुरुआत में नए आईटी मध्यस्थ नियम लागू किए। इसका उद्देश्य ट्विटर और फेसबुक सहित बड़ी तकनीकी कंपनियों के लिए अधिक जवाबदेही लाना है।
नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया मंचों को प्राधिकरणों की तरफ से किसी सामग्री को लेकर आपत्ति जताये जाने के बाद 36 घंटे के भीतर उसे हटाने की जरूरत है। साथ ही देश में अधिकारी की तैनाती के साथ एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता है।
सोशल मीडिया कंपनियों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर अश्लीलता या छेड़छाड़ कर लगाये गये फोटो वाले पोस्ट को हटाने की जरूरत होती है।
प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों को मासिक आधार पर अनुपालन रिपोर्ट भी देने की जरूरत है। इसमें उन्हें प्राप्त शिकायतों और उसे दूर करने के लिये उठाये गये कदमों के मामले में जानकारी देनी होगी। प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों में वे इकाइयां शामिल हैं, जिनके उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है।
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