नयी दिल्ली, 10 जुलाई सरकार 2024 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के मार्ग पर अग्रसर है तथा एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत ढांचा कोष की स्थापना सहित हाल के कृषि सुधार, इस दिशा में उठाये गये कदम है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह यह कहा।
कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकार के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अशोक दलवई ने कहा कि किसानों को बाधा मुक्त व्यापारिक मंच प्रदान करने के लिए तीन अध्यादेशों सहित, हाल के सुधारों का मकसद, फसल उत्पादन के बाद की चुनौतियों से निपटने और किसानों को बेहतर लाभ सुनिश्चित करना है।
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दलवई, किसानों की आय दोगुनी करने के संबंध में बनी समिति (डीएफआई) के अध्यक्ष भी हैं और उन्होंने यह बात, भारतीय दलहन और अनाज संघ (आईपीजीए) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कही।
क्या वर्ष 2024 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को सरकार हासिल कर लेगी, इस सवाल पर, दलवाई ने कहा, हम 100 प्रतिशत स्पष्ट हैं कि हम सही दिशा में और सही रास्ते पर हैं। निश्चित रूप से, आपको किसानों की आय में वृद्धि दिखाई देगी तथा अधिक मजबूत कृषि विकास भी आप देखेंगे।’’
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कोविड -19 संकट के बीच कृषि सुधारों की घोषणा के बारे में, दलवई ने कहा कि इस संबंध में लाये गये तीन अध्यादेश कृषि क्षेत्र के उदारीकरण की दिशा में सरकार के निरंतर किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र के उदारीकरण का पहला बीज वर्ष 2003 में बोया गया था। दुर्भाग्य से, 17 वर्षों के बावजूद, सुधारों की गति अपेक्षित नहीं रही है। पिछले चार वर्षों में, सरकार ने सुधारों को मजबूती और गति देने की कोशिश की है।’’
अप्रैल 2016 में गठित दलवई समिति ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई उपायों की सिफारिश की। हालांकि, सरकार ने इस साल की शुरुआत में 'ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया' नामक पुस्तिका में इस समय सीमा को वर्ष 2024 तक के लिए आगे बढ़ा दिया।
हाल के आवश्यक वस्तु अधिनियम में किये गये संशोधन के बारे में, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा कि देश इस अधिनियम और नियमों के साथ 65 वर्षों से चलता आ रहा था। उन्होंने कहा कि अध्यादेश प्रकाशित हो गया है और बहुत जल्द विधेयक भी आ जाएगा।
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