कोलंबो, 30 मई श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणावर्धने ने कहा कि सरकार ने कभी भी राष्ट्रपति चुनाव को स्थगित करने पर चर्चा नहीं की और चुनाव इस वर्ष निर्धारित समय पर ही होंगे।
दिनेश गुणावर्धने ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी द्वारा राष्ट्रपति चुनाव और आम चुनाव को टालने के विवादास्पद प्रस्ताव को 'गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए खारिज कर दिया।
श्रीलंका के निर्वाचन आयोग ने इस माह की शुरुआत में कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव 17 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच होंगे।
विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के महासचिव पालिथा रेंज बंडारा ने राष्ट्रपति चुनाव और आम चुनाव दोनों को दो साल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया और इस बात पर जोर दिया कि अगर परिस्थितियां अनुकूल हों तो इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से संसद में पेश किया जा सकता है, जिससे जनमत संग्रह का रास्ता साफ हो जाएगा।
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान गुणावर्धने ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को वर्ष 2024 में ही कराना तय किया गया है।
उन्होंने कहा, "संविधान के अनुसार निर्वाचन आयोग के पास तय तिथि के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराने का अधिकार है। इसे पहले या बाद में नहीं कराया जा सकता। संविधान में इसके प्रावधान हैं।"
उन्होंने कहा, "ये तारीखें इसी साल की हैं।"
लोकतंत्र की सुरक्षा से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने वास्तव में लोकतंत्र को बहाल किया है।
गुणावर्धने के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के बाद संसदीय, प्रांतीय और स्थानीय सरकार के चुनाव होंगे।
उन्होंने यूएनपी के प्रस्ताव को 'गैर-जिम्मेदाराना' बताते हुए कहा, "कोई भी व्यक्ति बिना जिम्मेदारी के कैसे कुछ भी कह सकता है, जिस पर सरकार में कभी चर्चा नहीं हुई।"
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