नयी दिल्ली, नौ दिसंबर सरकार अपनी 'एक देश, एक चुनाव' योजना को लागू करने के लिए लाए जाने वाले विधेयकों पर व्यापक चर्चा कराने की इच्छुक है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हालांकि प्रस्तावित कानूनों को अभी तक मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन सरकार इसे संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में जल्द से जल्द ला सकती है।
सूत्रों ने कहा कि विधेयक (या विधेयकों) के संसद में पेश किए जाने के बाद, सरकार व्यापक विचार-विमर्श के लिए उन्हें दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजना चाहेगी।
सरकार समितियों के जरिए विभिन्न राज्य विधानसभाओं के सभी अध्यक्षों से भी परामर्श करने के पक्ष में है।
सितंबर में, सूत्रों ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराने की अपनी योजना को लागू करने के लिए सरकार संविधान में संशोधन करने वाले दो विधेयकों सहित तीन विधेयक ला सकती है।
सितंबर में, सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए चरणबद्ध तरीके से एक साथ चुनाव कराने के लिए उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।
उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों का हवाला देते हुए सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित विधेयकों में से एक में अनुच्छेद 82ए में संशोधन का प्रस्ताव होगा। इसमें अनुच्छेद 83(2) में संशोधन करने और लोकसभा की अवधि और विघटन से संबंधित नए उप-खंड को शामिल करने का भी प्रस्ताव है।
सिफारिश में कहा गया है कि इस विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रस्तावित दूसरे संविधान संशोधन विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं से मंजूरी की आवश्यकता होगी क्योंकि यह राज्य के मामलों से संबंधित मसलों से जुड़ा होगा।
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