राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने रविवार को लॉकडाउन को वापस लेने को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में ‘‘कुछ बदलाव लॉकडाउन’’ के पक्ष में है. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह केन्द्र सरकार पर निर्भर करता है. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर कुछ बदलाव के साथ लॉकडाउन' (Lockdown) जैसी संभावनाओं की जांच और अनुसंधान कर रही है.
उन्होंने कहा कि 'यह मेरी अपनी सोच है. यह भारत सरकार पर निर्भर करता है कि इसे किस तरह से लागू किया जाये, यदि संभव हुआ तो हम संशोधित लॉकडाउन का प्रयास करेंगे.' मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा उद्योगों जहां मजदूर जैसे आंतरिक संसाधन उपलब्ध है,अंतरराज्यीय यातायात उपलब्ध है उन पर छूट देने (कार्य करने के लिए) की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है.
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वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा कि 'लॉकडाउन को लागू करना आसान है लेकिन इसे वापस लेना बड़ी चुनौती है. इसे वापस लेना ही होगा. यदि 21 दिनों के बाद नहीं तो 15 दिनों के बाद इसे वापस लेना ही होगा. अर्थव्यवस्था तब पटरी पर आएगी जब दुकानें, उद्योग खुलने जैसी वित्तीय गतिविधियां होंगी और तब ही राज्य और केंद्र को राजस्व मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने देश के लिये आर्थिक संकट को दूर करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की अपनी मांग को दोहराया. उन्होंने कहा कि राज्यों की वित्तीय स्थिति बुरी तरह से खराब हो गई है और केंद्र को सभी राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा करनी चाहिए. उन्होंने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम के अनुसार राजकोषीय घाटे की सीमा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने और राज्यों की सहायता के लिए अन्य उपाय करने की भी मांग की.
गहलोत ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मौजूदा संकट से उबरने के लिए और अधिक मुद्रा नोट छापने के बारे में राय दी है. उन्होंने कहा कि राज्यों की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है और राजस्व संग्रह में भारी गिरावट आई है. हम राजस्थान में अच्छा वित्तीय प्रबंधन कर रहे हैं लेकिन किसी भी राज्य की स्थिति इस मुश्किल समय में बिगड़ सकती है इसलिए केंद्र को पैकेज की घोषणा के लिए आगे आना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के पास भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) और संसाधन हैं और यह अधिक मुद्रा नोटों की छपाई कर सकता है. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि संकट के इस समय में नोट छापे जाने चाहिए. जयपुर में कोरोनावायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए गहलोत ने कहा कि यह राज्य सरकार के लिए एक चुनौती बन गई है और इसके संक्रमण को रोकने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 10 लाख त्वरित जांच किट खरीदने के आदेश दिये है ताकि परीक्षण की संख्या बढ़ाई जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ी है. गहलोत ने कहा कि भीलवाड़ा में सरकार ने सख्त नियंत्रण मॉडल के माध्यम से वायरस संक्रमण प्रसार को नियंत्रित किया. जयपुर के रामगंज क्षेत्र में भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
सभी जगहों पर जहां संक्रमित मामले हैं उसी तरह से इलाज किया जाएगा और हम सभी के सहयोग से कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे. लोगों की नौकरी की सुरक्षा से संबंधित एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपतियों को अपने कर्मचारियों, मजदूरों को परिवार के सदस्यों के रूप में समझना चाहिए ताकि उन्हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. उन्होंने बताया कि 10 लाख त्वरित जांच किट के अलावा, राज्य ने 1.5 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट खरीदने का आदेश दिया है और पीपीई को उन सभी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा जिन्हें इसकी आवश्यकता है.
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