नयी दिल्ली, 22 अगस्त घरेलू मोर्चे पर किसी प्रमुख घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुख से तय होगी। इसके अलावा डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा उम्मीद से पहले अपने नरम मौद्रिक रुख को वापस लेने की संभावना, कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों तथा चीन द्वारा नियामकीय मोर्चे पर कार्रवाई के बीच बीते सप्ताह वैश्विक बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली का सिलसिला चला।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों के अभाव में बाजार वैश्विक घटनाक्रमों से दिशा लेगा। वैश्विक स्तर पर महामारी के मामले बढ़ने से चिंता बढ़ी है। इससे बाजार में काफी उतार-चढ़ाव है।’’
बीते सप्ताह कम सत्रों के कारोबार के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 107.97 अंक या 0.19 प्रतिशत नीचे आया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे चलकर बाजार वैश्विक संकेतकों से दिशा लेगा। वैश्विक स्तर पर डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़े हैं, जो बाजारों के लिए इस समय बड़ी चिंता की वजह है। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा प्रोत्साहन को कम करने को लेकर भी चिंता है।’’
विश्लेषकों ने कहा कि तिमाही परिणामों का सीजन समाप्त हो चुका है। ऐसे में बाजार रुपये के उतार-चढ़ाव, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम और विदेशी कोषों के प्रवाह से भी दिशा लेगा।
अजय
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