पटना, 12 सितंबर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को वाराणसी की एक अदालत द्वारा ज्ञानवापी परिसर में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली अर्जी खारिज किए जाने पर खुशी जताई।
अदालत के फैसले कि वह याचिका पर सुनवाई जारी रखेगा, के बाद भाजपा नेता गिरिराज ने कहा, ‘‘हम सच्चाई के साथ हैं, जैसे हम अयोध्या के मामले में थे।’’
सिंह ने कहा, ‘‘विभाजन के बाद पाकिस्तान में हमारे पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया और हमारी महिलाओं का अपमान किया गया। कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति के जरिए सत्ता हासिल करने में व्यस्त रही। अगर भारत में हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है तो वे कहां जाएंगे।’’
केंद्रीय मंत्री जो बेगूसराय से भी सांसद हैं, ने ‘‘मदरसों’’ के सर्वेक्षण का आदेश देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की और कहा कि बिहार में भी इसकी आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में थे, तब भी उनके आलोचक रहे गिरिराज ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘लेकिन यहां हमारे पास एक ऐसा शासन है जो वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करता है।’’
गौरतलब है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीश ने पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दज (राजद), कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर बिहार में नई महागठबंधन सरकार बना ली थी।
भाजपा नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हमें मदरसों से कोई समस्या नहीं है, लेकिन इन मदरसों में अतिसंवेदनशील दिमागों को उचित चीजें सिखाई जा रही हैं या नहीं यह जानने की जरूरत है। परंतु यहां की सरकार राज्य को पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) के केंद्र के रूप में तब्दील करने में खुश है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)