नयी दिल्ली, 21 मई बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादकों (जेनको) का बकाया इस साल मई में करीब एक-तिहाई घटकर 93,000 करोड़ रुपये रह गया है।
पिछले साल जून में विलंब भुगतान अधिभार (एलपीएस) नियम लागू किया गया था। उसके बाद से एक साल से भी कम समय में डिस्कॉम के बकाया में काफी कमी आई है।
पिछले साल तक डिस्कॉम पर जेनको का बकाया मुख्य रूप से क्षेत्र की पूरी मूल्य श्रृंखला को प्रभावित कर रहा था।
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल जून में एलपीएस योजना शुरू होने के समय डिस्कॉम का बकाया 1.39 लाख करोड़ रुपये था।
‘प्राप्ति’(पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्योरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपेरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेटर) पोर्टल के अनुसार, अब कुल बकाया राशि घटकर 93,000 करोड़ रुपये रह गई है।
बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि एलपीएस नियमों को सख्ती से लागू करने से बिजली क्षेत्र अधिक व्यवहार्य हो सकता है।
यह नियम सुनिश्चित करता है कि डिस्कॉम बकाया का भुगतान समय पर करें। इस योजना से डिस्कॉम में वित्तीय अनुशासन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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