नयी दिल्ली, 27 सितंबर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य के रणनीतिक नेताओं को प्रौद्योगिकी-संचालित युद्धक्षेत्र में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, जहां समयसीमा तेजी से कम हो रही है।
अग्रणी त्रि-सेवा भविष्य का युद्ध पाठ्यक्रम के समापन अवसर पर अपने संबोधन में जनरल चौहान ने रेखांकित किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग, स्टेल्थ प्रौद्योगिकी और हाइपरसोनिक्स तथा रोबोटिक्स में प्रगति भविष्य के युद्धों के चरित्र को तय करेगी।
पाठ्यक्रम का उद्देश्य आधुनिक युद्धक्षेत्र की जटिलताओं से निपटने में प्रौद्योगिकी सक्षम सैन्य कमांडरों का एक कैडर तैयार करना है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के प्रसार, युद्ध के बदलते चरित्र और हाल के तथा जारी संघर्षों से सीखे गए सबक के साथ एक गतिशील सुरक्षा वातावरण के लिए भविष्य के नेता तैयार करने की आवश्यकता है, जो आधुनिक युद्ध की बारीकियों को समझने में सक्षम हों।’’
जनरल चौहान ने अपने संबोधन में ‘‘भविष्य के रणनीतिक नेताओं के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित युद्धक्षेत्र में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जहां समयसीमा तेजी से कम हो रही है।’’
बयान में कहा गया कि इससे पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को भविष्य के युद्ध का नेतृत्व करने और आकार देने में मदद मिलेगी, जिससे उभरती चुनौतियों के लिए एकीकृत और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
जनरल चौहान और तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों को सप्ताह भर के पाठ्यक्रम के परिणामों के बारे में जानकारी दी गई तथा बाद के पाठ्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया।
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