नयी दिल्ली, चार नवंबर कंपनियों ने सितंबर महीने में पूंजी बाजार से 75,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटायी। यह इससे पिछले महीने अगस्त में जुटायी गयी राशि से 31 प्रतिशत कम है। कंपनियों के लिये वित्त पोषण को लेकर ऋण प्रतिभूतियों का निजी नियोजन सर्वाधिक तरजीही मार्ग बना हुआ है।
मुख्य रूप से व्यापार विस्तार योजनाओं के वित्त पोषण, कर्ज भुगतान और कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिये राशि जुटायी गयी।
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बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार कंपनियों ने इस साल सितंबर महीने में कुल 75,230 करोड़ रुपये जुटाये। जबकि अगस्त में इक्विटी और ऋण प्रतिभूति जारी कर 1.1 लाख करोड़ रुपये जुटाये गये थे।
कुल 75,230 करोड़ रुपये में से 64,389 करोड़ रुपये ऋण प्रतिभूतियों के निजी नियोजन के जरिये और 9,022 करोड़ रुपये इक्विटी के निजी नियोजन के माध्यम से जुटाये गये। इसमें पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) और तरजीही आबंटन शामिल हैं।
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व्यक्तिगत तौर पर शेयर के तरजीही आधार पर आबंटन के जरिये 7,684 करोड़ रुपये और 1,338 करोड़ रुपये क्यूआईपी के मध्यम से जुटाये गये।
सार्वजनिक निर्गमों से पूंजी जुटाये जाने के मामले में सितंबर महीने में दो आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों) के जरिये 1,302 करोड़ रुपये जुटाये गये। इसके अलावा 7 करोड़ रुपये एसएमई के आरंभिक शेयर बिक्री और 363 करोड़ रुपये राइट इश्यू के माध्यम से जुटाये गये।
आंकड़े के अनुसार आलोच्य महीने में 150 करोड़ रुपये मूल्य के कॉरपोरेट बांड के एक निर्गम आये। अगस्त माह में कॉरपोरेट बांड का कोई सार्वजनिक निर्गम नहीं आया था।
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