नयी दिल्ली, एक मई भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौता रविवार से प्रभाव में आ गया। इस समझौते में कपड़ा, कृषि, सूखे मेवे, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों के उत्पादों के घरेलू निर्यातकों को यूएई के बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी।
इस समझौते को अमल में लाने की सांकेतिक शुरुआत करते हुए वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम ने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के तीन निर्यातकों को मूल स्थान प्रमाण-पत्र सौंपे। व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत दुबई भेजी जाने वाली इन खेप पर सीमा शुल्क नहीं लगेगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक मई से समझौते के अमल में आने की अधिसूचनाएं जारी कीं।
सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘भारत और यूएई के बीच सीईपीए आज प्रभाव में आ गया। आज हम भारत से पहली खेप यूएई भेज रहे हैं, जिसमें इस समझौते का लाभ मिलेगा।’’
उन्होंने कहा कि भारत के लिए यूएई बड़ा कारोबारी साझेदार है और यह देश पश्चिम एशिया, नॉर्थ अमेरिका, मध्य एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के लिए प्रवेश मार्ग भी है।
सीईपीए का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में भारत और यूएई के बीच मौजूदा 60 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
वाणिज्य सचिव ने कहा, ‘‘100 अरब डॉलर तो महज शुरुआत है, आगे जाकर यह 200 अरब डॉलर होगा और फिर आने वाले वर्षो में 500 अरब डॉलर तक जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत से यूएई को होने वाले 99 फीसदी निर्यात पर सीमा-शुल्क शून्य होगा।
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