नयी दिल्ली, नौ जून विदेशी निवेशकों ने इस महीने के पहले हफ्ते में घरेलू शेयरों से करीब 14,800 करोड़ रुपये निकाले। भारत के आम चुनाव के नतीजों और चीन के शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन से प्रभावित होकर उन्होंने ऐसा किया।
चुनाव नतीजों की अनिश्चितता, मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार बढ़ोतरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में 25,586 करोड़ रुपये और अप्रैल में 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध निकासी की थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले, एफपीआई ने मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। उन्होंने जनवरी में 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे।
विशेषज्ञों ने कहा कि मध्यम से लेकर दीर्घ अवधि के नजरिए से बात की जाए तो विदेशी निदेशकों की नजर भारत में ब्याज दरों की दिशा पर होगी।
आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस महीने (सात जून तक) 14,794 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की।
भारत में आम चुनाव के नतीजों ने जून में भारतीय इक्विटी बाजारों में विदेशी निवेशकों के प्रवाह को काफी प्रभावित किया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि चीनी शेयरों को लेकर एफपीआई की निराशा खत्म होती दिख रही है और हांगकांग एक्सचेंज में सूचीबद्ध चीनी शेयरों में निवेश बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि चीनी शेयरों का मूल्यांकन बहुत आकर्षक हो गया है।
दूसरी ओर, एफपीआई ने ऋण बाजार में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
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