नयी दिल्ली, 10 मार्च विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (मार्च में) अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 6,139 करोड़ रुपये डाले हैं। मजबूत आर्थिक वृद्धि, बाजार की मजबूती तथा अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के चलते एफपीआई के बीच भारतीय शेयरों का आकर्षण बना हुआ है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले फरवरी में उन्होंने शेयरों में 1,539 करोड़ रुपये डाले थे। वहीं जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
बीडीओ इंडिया के भागीदार और लीडर (एफएस टैक्स, टैक्स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज) मनोज पुरोहित ने कहा, ‘‘पिछले महीने की तुलना में मार्च में एफपीआई का रुख अधिक सकारात्मक दिखाई दे रहा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत पर रही है। इसके अलावा भारत की बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस वजह से एफपीआई के बीच भारतीय शेयर बाजार का आकर्षण बना हुआ है।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘तीन कारणों से एफपीआई भारतीय बाजार में रुचि दिखा रहे हैं। इनमें बाजार की मजबूती और अमेरिकी में बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के अलावा जीडीपी की वृद्धि दर के उम्मीद से बेहतर आंकड़े शामिल हैं।’’
शेयरों के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में ऋण या बॉन्ड बाजार में 1,025 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
ऋण या बॉन्ड बाजार की बात की जाए, तो एफपीआई पिछले कुछ महीनों से जेपी मॉर्गन सूचकांक में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल करने की घोषणा से प्रभावित होकर ऋण बाजार में पैसा लगा रहे हैं।
उन्होंने बॉन्ड बाजार में फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये, जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये, दिसंबर में 18,302 करोड़ रुपये डाले थे।
कुल मिलाकर इस साल अबतक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से 18,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस दौरान उन्होंने ऋण बाजार में 43,280 करोड़ रुपये डाले हैं।
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