नयी दिल्ली, नौ मई विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) ने मई के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 5,936 करोड़ रुपये की निकासी की है। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर और उसका अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर बढ़ी चिंता के बीच यह राशि निकाली गई।
डिपाजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अप्रैल 2021 में भी शेयर बाजारों से 9,659 करोड़ रुपये की निकासी की है। जबकि इससे पहले छह माह के दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों में लगातार निवेश बढ़ाया है।
मार्निंगस्टार इंडिया के शोध इकाई के सहायक निदेशक - प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि यदि विदेशी निवेशकों में कोविड- 19 को लेकर डर और गहराता है तो शेयर बाजारों से और निकासी से इनकार नहीं किया जा सकता है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक तीन से सात मई के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से कुल मिलाकर 5,936 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। इससे पहले अप्रैल में भी उन्होंने निकासी की है। जबकि उससे पहले अक्ट्रबर 2020 से वह लगातार शेयरों में निवेश कर रहे थे। उन्होंने अक्टूबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक भारतीय शेयर बाजारों में 1.97 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। इसमें इस साल के शुरुआती तीन माह के दौरान किया गया 55,741 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश भी शामिल है।
बजाजा कैपिटल के मुख्य शोध अधिकरी अलोक अग्रवाल ने कहा देश में कोविड- 19 के मामलों में तीव्र वृद्धि, विभिन्न राज्यों में लगने वाले लॉकडाउन और अंतत इसका आर्थिक वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुये ही एफपीआई ने शेयरों से निकासी की है। इसके साथ ही कमजोर मुद्रा का भी इसमें योगदान रहा हे।
हालांकि, ग्रोउ के मुख्य परिचालन अधिकारी और सह- संस्थापक हर्ष जैन ने कहा है कि एफपीआई की हाल में की गई यह निकासी मुनाफा वसूली के कारण भी हो सकती है। ‘‘एफपीआई ने देश में अप्रैल 20210 से ही निवेश करना शुरू कर दिया था। उसके बाद से बाजार में लगातार तेजी का रुख बना है और उन्होंने जिन शेयरों में खरीदारी की थी उनमें कईयों ने अच्छा रिटर्न दिया है।’’
दूसरी तरफ रिण पत्रों की यदि बात की जाये तो एफपीआई ने मई के पहले सप्ताह में इनमें 89 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि इससे पिछले माह उन्होंने इनमें 118 करोड़ रुपये का शुद्ध बिकवाली की थी।
हालांकि इस कैलेंडर वर्ष में अब तक के निवेश की यदि बात की जाये तो विदेशी निवेशकों ने इक्विटी में 40,146 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है जबकि दूसरी तरफ रिण पत्रों से 15,547 करोड़ रुपये की निकासी की है।
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