नयी दिल्ली, पांच जुलाई विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई के सिर्फ तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजार से 3,741 करोड़ रुपये की निकासी की है। विश्लेषकों का मानना है कि इसका कारण मुनाफा वसूली और पिछले कुछ दिनों में रुपये में आयी तेजी है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से तीन जुलाई के दौरान शेयरों से 3,959 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की, जबकि उन्होंने इस दौरान बांड में 218 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। इस तरह समीक्षाधीन अवधि के दौरान 3,741 करोड़ रुपये की कुल शुद्ध निकासी की गयी।
इससे पहले एफपीआई ने जून में घरेलू बाजार में 24,053 करोड़ रुपये का निवेश किया था। लगातार तीन महीने बिकवाल रहने के बाद जून में एफपीआई ने शुद्ध निवेश किया था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "हाल के दिनों में बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया है और पिछले कुछ सप्ताह के दौरान रुपये में तेजी आयी है। इसने विदेशी निवेशकों को मुनाफा वसूली करने का अच्छा अवसर प्रदान किया और उन्होंने अवसर को भुनाने का फैसला किया।’’
ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि पिछले तीन महीने के दौरान एफपीआई सक्रिय रूप से ऐसे कुछ शेयरों में अपना निवेश कम कर रहे हैं, जिनका मूल्य उन्हें अनाकर्षक लगता है। हालांकि वे ऐसे शेयरों में निवेश करना जारी रखे हुए हैं, जिनका मूल्यांकन आकर्षक हो गया है।
जैन ने कहा कि इस बात के भी स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं कि उनका झुकाव वित्तीय समूह के शेयरों की तरफ बढ़ा है, जबकि संचार श्रेणी के शेयरों में वे अपना निवेश घटा रहे हैं।
बांड श्रेणी को लेकर श्रीवास्तव ने कहा कि स्थिति के सामान्य होने के संकेत मिल रहे हैं।
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