नयी दिल्ली, 16 फरवरी केंद्र ने मंगलवार को बताया कि जनवरी में भारत में चार लोगों के सार्स-सीओवी-दो वायरस के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप से संक्रमित होने का पता लगा जबकि फरवरी के पहले सप्ताह में वायरस के ब्राजीलियाई स्वरूप से एक व्यक्ति के संक्रमित होने की जानकारी मिली।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में बाहर से लौटे चार लोगों के वायरस के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी। संक्रमितों में से दो लोग दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे जबकि एक-एक व्यक्ति अंगोला और तंजानिया से लौटा था।
सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच कर उन्हें पृथकवास में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि ‘आईसीएमआर-एनआईवी’ इन चार संक्रमित लोगों के नमूनों से दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप को अलग करने और अन्य जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा है।
फरवरी के पहले सप्ताह में ब्राजील से लौटे एक व्यक्ति के वायरस के ब्राजीलियाई स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी है।
भार्गव ने कहा कि वायरस के स्वरूप को आईसीएमआर-एनआईवी, पुणे में सफलतापूर्वक अलग किया गया है। उन्होंने कहा कि टीके की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं।
इस बीच, देश में कोरोना वायरस के ब्रिटेन वाले स्वरूप से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 187 हो गयी है। लेकिन किसी की मृत्यु नहीं हुई है।
उन्होंने जोर दिया कि नए स्वरूपों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि 16 फरवरी को दोपहर एक बजे तक देश में 87,40,595 लोगों को कोविड टीके की खुराकें दी गई हैं, जिसमें से 62,82,646 स्वास्थ्य कर्मी हैं।
उन्होंने कहा कि 61,11,968 (60.5 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मी) लोगों को पहली खुराक दी गई है और 1,70,678 स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी खुराक दी गई है, जो कुल संख्या का 37.5 प्रतिशत है।
भूषण ने बताया कि वे लोग पात्र हैं जिन्हें 16, 17 और 18 जनवरी को टीके लगाए गए थे। अन्य लोगों को अभी दूसरी खुराक नहीं दी जानी है। टीकाकरण के प्रभावी होने का आकलन इस तथ्य पर किया जाना चाहिए कि दूसरी खुराक के लिए लोगों का अनुपात क्या है और उनमें से कितनी आबादी को कवर किया गया है।
उन्होंने कहा कि कुल अग्रिम पंक्ति के 24,57,949 कर्मियों का टीकाकरण किया गया है जो 26.3 प्रतिशत है।
भूषण ने कहा कि 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 70 प्रतिशत से अधिक पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक दी गयी है जो राष्ट्रीय औसत 60 प्रतिशत से अधिक है।
इन राज्यों में राजस्थान (70.09 प्रतिशत), सिक्किम (70.09 प्रतिशत), झारखंड (71.25 प्रतिशत), केरल (71.28 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (73.58 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (75.16 प्रतिशत) और बिहार (80.92 प्रतिशत) शामिल हैं।
वहीं दिल्ली (42.36 प्रतिशत), पंजाब (36.42 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (49.09 प्रतिशत) और कर्नाटक (49.96 प्रतिशत) सहित 11 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने 50 प्रतिशत से कम पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक दी है।
उन्होंने कहा कि हमने इन राज्यों को टीकाकरण का दायरा बढ़ाने के लिए और सत्र आयोजित करने के लिए कहा है।
भूषण ने दूसरी खुराक के बारे में कहा कि गोवा (100 प्रतिशत), झारखंड (68.3 प्रतिशत), असम (69.7 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (81.2 प्रतिशत), गुजरात (86 प्रतिशत) सहित आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 60 प्रतिशत से अधिक पात्र स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की दूसरी खुराक दी है।
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