मथुरा (उत्तर प्रदेश), एक अप्रैल उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जालसाजों ने नकली सोने के जेवरात गिरवी रखकर चार बैंक शाखाओं से 2.80 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया, लेकिन ‘गोल्ड लोन’ के मामले में हर तीसरे माह होने वाली ऑडिट में वे पकड़ में आ गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड पिता-पुत्री समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से कार और बाइक बरामद की है।
पुलिस के अनुसार, पिता-पुत्री समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया गया है और अभी भी 16 अन्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस फरार जालसाजों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है।
मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गोविंदगंज और डैंपियर नगर तथा केनरा बैंक की शांति मार्केट व चौक बाजार स्थित शाखाओं में सोने के जेवरात गिरवी रखकर 2.80 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था।
उन्होंने बताया कि जालसाजों ने चालाकी बरतते हुए बैंक द्वारा सोने के जेवरातों के सत्यापन के लिए अधिकृत दुकान के कर्मचारी की मिली-भगत से जेवरातों का फर्जी प्रमाणन कराकर सत्यापन की रिपोर्ट लगा दी थी, जिसके आधार उन्हें इतनी बड़ी रकम बतौर कर्ज मिल गई।
ग्रोवर के मुताबिक, हर तीसरे माह गोल्ड लोन का ऑडिट होता है और इस बार के ऑडिट में यह मामला पकड़ में आ गया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया और पुलिस ने जांच शुरू की तो सभी आरोपियों की भूमिका उजागर हो गई।
एसएसपी के अनुसार, पुलिस ने इस जालसाजी के मुख्य साजिशकर्ता राजेश अग्रवाल और उसकी बेटी श्रेया अग्रवाल (गऊघाटल) के अलावा सुहेल (घियामंडी) व देव टंच के कर्मचारी धर्मेंद्र सोनी उर्फ तोती (तमोली) को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में रंजना वर्मा (कृष्णापुरम) और 16 अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं।
एसएसपी के मुताबिक, रंजना वर्मा फिलहाल अग्रिम जमानत पर है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक (नगर) मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि बैंकों के गोल्ड लोन प्रावधान के अनुसार, बुलट गोल्ड लोन लेने पर एक साल तक बैंक में किस्त जमा करने की जरूरत नहीं है, फिर भी बैंक हर तीन माह में गोल्ड लोन के मामलों का ऑडिट जरूर कराता है।
उन्होंने बताया कि बुलट गोल्ड लोन में कर्ज के लिए संबंधित राशि के 65 प्रतिशत के बराबर का सोना गिरवी रखा जाता है, जबकि सामान्य गोल्ड लोन पर 75 प्रतिशत का सोना गिरवी रखा जाता है।
सिंह के अनुसार, इन जालसाजों ने दोनों तरह के लोन दो बैंकों की चार शाखाओं से लिए।
उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी राजेश अग्रवाल ने केनरा बैंक की दो शाखाओं से 1.35 करोड़ और स्टेट बैंक की दो शाखाओं से 1.45 करोड़ रुपये के नकली जेवरात गिरवी रखकर लिए हैं।
सिंह के मुताबिक, राजेश अग्रवाल सुनार का काम करता है और उसने अपने यहां ही नकली सोने के जेवरात तैयार किए और फिर जालसाजी करके कर्ज ले लिया।
क्षेत्राधिकारी (नगर) अभिषेक तिवारी ने बताया कि राजेश अग्रवाल ने इस जालसाजी में अपने साथ अन्य लोगों को लालच देकर कागजात हासिल करके लोन लिए।
उन्होंने बताया कि आरोपी के खाते की जांच से पता चला है कि कर्ज की रकम प्राप्त हो जाने पर उसने 60 प्रतिशत खुद रख लिया और 40 प्रतिशत उस व्यक्ति को दे दिया, जिसके नाम से लोन लिया गया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)