नयी दिल्ली, 18 जनवरी पंजाब के वरिष्ठ नेता तथा राज्य सरकार के पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। अपनी नयी पारी शुरू करने से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस में गुटबाजी का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, भाजपा महासचिव तरुण चुग और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में बादल ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नौ सालों के कार्यकाल में भारत कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर एक मजबूत देश के रूप में उभरा है।
पंजाब में कांग्रेस की स्थिति पर चिंता जताते हुए बादल ने कहा कि राज्य ‘‘सो’’ रहा है और भाजपा एकमात्र पार्टी है जो वहां की चुनौतियों का समाधान कर सकती है।
मनप्रीत बादल के भाजपा में शामिल होने को पंजाब में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ पहले ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं।
बादल से जब कांग्रेस छोड़ने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि कैसे कोई उस पार्टी में रह सकता है जो ‘‘खुद से ही लड़ाई लड़’’ रही है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ पंजाब ही नहीं कई अन्य राज्यों में भी कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गोयल ने बादल की जमकर सराहना की और कहा कि वह विद्वान, सरल और अनुभवी हैं और जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान पंजाब के वित्त मंत्री के रूप में वह व्यापक राष्ट्रीय हितों की बात करते थे।
उन्होंने कहा कि यह एक स्वर्णिम दिन है और उनके भाजपा में शामिल होने से सिखों के साथ भाजपा का रिश्ता और मजबूत होगा।
इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में बादल ने कहा कि कांग्रेस से उनका ‘‘मोहभंग’’ हो गया है।
बादल ने अपना इस्तीफा ट्विटर पर साझा किया। उन्होंने इस्तीफे में कहा, ‘‘ पार्टी और सरकार में मुझे जो भी जिम्मेदारी दी गई उसे निभाने में मैंने अपना सब कुछ झोंक दिया। मुझे यह मौका देने व सम्मान देने के लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर जारी मौजूदा संस्कृति और उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण अब वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा नहीं रहना चाहते।
बादल ने कहा, ‘‘सात साल पहले, मैंने पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब का आपकी पार्टी के साथ विलय किया था। मैंने बड़ी उम्मीदों व आकांक्षाओं के साथ यह कदम उठाया था कि इससे मुझे अपनी क्षमता के हिसाब से पंजाब के लोगों और उनके हितों की सेवा करने के पूर्ण अवसर मिलेंगे।’’
उन्होंने कहा कि यह उत्साह धीरे-धीरे कम होता गया, जिससे निराशा बढ़ी और पार्टी से उनका मोहभंग हो गया।
ब्रजेन्द्र
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