नयी दिल्ली, 23 फरवरी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की मौजूदा स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा चीन की ओर से उत्पन्न होने वाली दीर्घकालिक चुनौतियों से निपटने पर ध्यान दे रहा है।
सीडीएस ने यहां ‘रायसीना संवाद’ में अपने संबोधन में विशेष तौर पर प्रौद्योगिकी संबंधी किसी भी खामी को दूर करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "हम केवल उत्तरी सीमाओं पर ही नहीं, दीर्घकालिक चुनौतियों पर भी ध्यान दे रहे हैं, ताकि हमारे पास किसी भी प्रकार की प्रौद्योगिकी संबंधी कमी नहीं हो।"
"अनौपचारिक युद्धों" का सामना कर रहे दुनिया के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों की चुनौती पर उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्यों में हमलावरों के पास कहीं अधिक विकल्प होते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में रक्षा मुस्तैद होनी चाहिए और प्रतिद्वंद्वियों को हतोत्साहित करने के लिए एक मजबूत प्रतिरोधक क्षमता की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ''आपको मजबूत प्रतिरोधक क्षमता रखने की जरूरत है, ताकि यह उन तत्वों को हतोत्साहित कर सके जो इस तरह के हमलों को अंजाम देने का प्रयास कर रहे हैं।''
जनरल चौहान ने कहा कि ‘सूचना युद्ध’ से लड़ने के लिए एक बहु-एजेंसी और अंतरराष्ट्रीय प्रयास की आवश्यकता है।
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