अमेरिका, 16 जुलाई: जॉर्ज फ्लॉयड के परिवार का आरोप है कि अधिकारियों ने फ्लॉयड (George Floyd) को काबू में करने के दौरान उसके अधिकारों का उल्लंघन किया और शहर ने अपने पुलिस बल में अधिकतम बलप्रयोग, नस्लवाद और सजा से बच जाने की संस्कृति को फलने-फूलने का मौका दिया. दरअसल, 25 मई को अमेरिका के मिनियापोलिस में काले नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. घटना के कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें पुलिस कर्मियों ने फ्लॉयड को हथकड़ी लगाकर जमीन पर लिटा रखा था और एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन ने उनकी गर्दन पर पैर रखा था. सांस लेने में तकलीफ के चलते फ्लॉयड की मौत हो गई थी.
यह मुकदमा उसी दिन दर्ज किया गया है, जब शहर के एक चार्टर आयोग ने सार्वजनिक तौर पर मिनियापोलिस पुलिस विभाग को भंग करने का एक प्रस्ताव रखा. कई स्थानीय लोगों ने इस प्रस्ताव पर नवम्बर में मतदान कराने का समर्थन किया है. फ्लॉयड के परिवार ने मिनेसोटा में अमेरिकी जिला अदालत में एक नागरिक अधिकार मुकदमा दायर किया. फ्लॉयड के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील बेन क्रम्प और अन्य वकीलों ने इसकी घोषणा की.
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क्रम्प ने एक बयान में कहा, "शिकायत में हमने कहा कि फ्लॉयड की मौत पूरे मिनियापोलिस पुलिस विभाग का दबाव उनकी गर्दन पर होने के कारण हुई." उन्होंने कहा, "मिनियापोलिस शहर में नीतियों, प्रक्रियाओं और जानबूझकर उदासीनता कायम करने का इतिहास है जो गिरफ्तारियों, विशेष रूप से काले पुरुषों के अधिकारों का उल्लंघन करता है और अधिकारियों के प्रशिक्षण तथा अनुशासन की आवश्यकता को रेखांकित करता है."
क्रम्प ने कहा कि यह मुकदमा एक मिसाल कायम करना चाहता है,ताकि भविष्य में पुलिस गरीब तबके के लोगों खासकर काले लोगों की गलत तरीके से हत्या ना करे. मेयर जैकब फ्रे के कार्यालय ने मामले के लंबित होने के कारण इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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