नयी दिल्ली, 22 नवंबर भारत सहित कुछ विकासशील देशों ने क्षेत्रीय जल सीमाओं में गरीब मछुआरों द्वारा मछली पकड़ने की गैर-विनियमित और अघोषित गतिविधियों पर नियमों से पूरी तरह छूट की मांग की है।
इस मसले पर इस समय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चर्चा चल रही है, ताकि मत्स्य सब्सिडी को नियमों के तहत लाया जा सके।
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इन देशों ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) में मत्स्य गतिविधियों पर सब्सिडी को रोकने के लिए नियमों को लागू करने को अधिक समय की मांग भी की है, जिन्हें वार्ता के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।
एक सूत्र ने बताया कि डब्ल्यूटीओ के ये देश गहरे समुद्र और गैरकानूनी मत्स्य गतिविधियों के लिए इन नियमों को लागू करने के लिए तैयार हैं।
डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के बीच चल रही बातचीत का मकसद मत्स्य पालन के क्षेत्र में सब्सिडी को अनुशासित करना और आईयूयू (अवैध, बिना लाइसेंस और अनियमित) मछली पकड़ने पर अंकुश लगाना है।
भारत ने कहा कि जिन देशों ने मछली पकड़ने के लिए भारी सब्सिडी दी है, उन्हें सबसे पहले इन हानिकारक समर्थन उपायों को खत्म करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के नियमों से उन गरीब मछुआरों पर बोझ नहीं पड़ना चाहिए, जो इस क्षेत्र से अपनी आजीविका चला रहे हैं।
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