लखनऊ, 28 सितंबर लखनऊ की एक विशेष अदालत ने यहां ‘लेवाना सूट्स होटल’ में आग लगने की घटना के सिलसिले में होटल के निदेशकों रोहित अग्रवाल एवं राहुल अग्रवाल और प्रबंधक सागर श्रीवास्तव की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। इस महीने की शुरुआत में इस होटल में आग लगने से वहां ठहरे कम से कम चार अतिथियों की मौत हो गई थी।
विशेष न्यायाधीश गौरव कुमार ने लेवाना होटल में लगी आग के मामले में अभियुक्त बनाए गए होटल के निदेशकों रोहित अग्रवाल एवं राहुल अग्रवाल और प्रबंधक सागर श्रीवास्तव की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अपराध गंभीर प्रकृति का है तथा इस स्तर पर जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है। उसने कहा कि होटल जिस जगह बना हुआ है, वह जगह आवासीय भूखंड के रूप में दर्ज है।
अदालत ने कहा कि याची को यह पता था कि होटल में आकस्मिक निकास की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और ना ही अग्निशमन मानकों का पूरी तरह पालन किया गया है, फिर भी होटल चलाया गया।
इससे पहले याची ने जमानत याचिका दाखिल करके कहा था कि वह घटना के समय होटल में मौजूद नहीं था।यह भी कहा गया था कि घटना के समय होटलकर्मी मौजूद थे, जिन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए काफी प्रयास किया। यह भी कहा गया कि होटल को अग्निशमन विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिले थे।
सरकारी वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची घटना में पूर्ण रूप से दोषी है क्योंकि उसे पता था कि उसके द्वारा जो उपेक्षा पूर्ण कार्य किया जा रहा है, उससे लोगों की जान जा सकती है।
गौरतलब है कि पांच सितंबर को होटल में सुबह आग लग गई थी जिसके कारण चार लोगों की मौत हो गई थी और सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)