देश की खबरें | भ्रष्टाचार उजागर करने पर मप्र में आठ पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी : माकपा

भोपाल, 14 जून माकपा ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज कराकर मध्य प्रदेश सरकार तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रही है।

पार्टी के प्रदेश सचिव जसविंदर सिंह ने कहा कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार या सरकार के खिलाफ सच्ची खबरों को जनता के सामने लाने पर पिछले दो माह में प्रदेश में आठ पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है।

सिंह ने कहा कि मीडिया पर इतना बड़ा हमला आपातकाल के बाद पहली बार देखने को मिला है।

पत्रकारों के खिलाफ दर्ज घटनाओं की जानकारी देते हुए माकपा नेता ने कहा कि 19 अप्रैल को खंडवा जिलाधिकारी ने एक स्थानीय दैनिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, क्योंकि अखबार ने खबर में ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी व मरीजों की बदहाली का उल्लेख किया था। इसके दस दिन बाद 29 अप्रैल को गुना में इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई क्योंकि उन्होंने अपने कार्यक्रम में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की आलोचना की थी। इसी दिन अशोकनगर में टीवी पत्रकार समीर द्विवेदी पर कोविड-19 से संबंधित खबर चलाने के आरोप में सिविल सर्जन की ओर से प्राथिमकी दर्ज कराई गई।

सिंह ने कहा कि इसके बाद पत्रकार तनवीर वारसी के खिलाफ राजगढ़ में, राजेश चौरसिया के खिलाफ छतरपुर, महफूज खान के खिलाफ शहडोल और शुभम श्रीवास्तव के खिलाफ सागर में प्राथमिकी दर्ज की गई।

उन्होंने कहा कि हाल ही में 12 जून को सागर में पत्रकार पंकज सोनी पर घोटाले की खबर चलाने के आरोप में शासकीय इंजीनियर की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

माकपा ने बयान में सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों का सामूहिक रूप से सरकार की इस तरह की कार्रवाई का विरोध करने का आह्वान किया।

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