मुंबई, दो जुलाई शिवसेना विधायक संजय गाइकवाड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें उन्हें कथित तौर पर कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर कोई भी अत्याचार निवारण कानून का दुरुपयोग करता है और झूठी शिकायत दर्ज करवाता है तो दूसरे पक्ष को उस व्यक्ति के खिलाफ डकैती की शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
उन्होंने यह बयान एक व्यक्ति के घर से लौटने के बाद दिया जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उसे महाराष्ट्र के बुल्ढाणा जिले में खमगांव के तहसील के चिटोदा अंबिकापुर में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) के तहत गलत तरीके से भेजा गया।
बुल्ढाणा के विधायक को वीडियो में कहते हुए सुना गया, “आपको किसी के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए न ही खुद के साथ अन्याय होने देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि अत्याचार निवारण कानून सुरक्षा के लिए है न कि ब्लैकमेल एवं दुरुपयोग के लिए।
विधायक ने कहा, “अगर कोई अत्याचार की झूठी शिकायत करता है तो आपको उस व्यक्ति के खिलाफ उलटा डकैती की शिकायत दर्ज करानी चाहिए। ये लोग अत्याचार की शिकायतें वापस ले लेंगे। कृषि भूमि को लेकर विवाद अत्याचार नहीं है।”
वीडियो जिसमें उन्हें भीड़ को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है, उसमें विधायक कह रहे हैं कि समाज विरोधी तत्वों की कोई जाति या धर्म नहीं होता।
गायकवाड़ ने कहा, “ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए युवाओं की टीम बनाएं। भविष्य में, अगर ऐसे मामले होते हैं, तो मैं 10,000 लोगों के साथ आउंगा और उन्हें सबक सिखाउंगा।”
विधायक को यह भी कहते हुए सुना गया कि उन्हें ‘मातोश्री’ (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का निजी आवास) से पीड़ित के परिवार के पास जाने के लिए संदेश मिला था।
गायकवाड़ ने हाल में यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था कि उनकी इच्छा है कि वह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के ‘मुंह को कोरोना वायरस से भर दे।’
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