प्रतापगढ़ (उप्र), 12 जून केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि देश के किसान पहले ‘अन्नदाता’ थे, अब वे ‘ऊर्जादाता’ बन गये हैं और हम उन्हें ‘डामरदाता’ (कोलतार प्रदाता) बनाने वाले हैं।
गडकरी ने 2,200 करोड़ रुपये की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए कि सरकार कोलतार तैयार करने के लिए पराली का उपयोग करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पहले किसान ‘अन्नदाता’ थे, अब वे
‘ऊर्जादाता’ बन गये हैं और अब हम किसान को ‘डामरदाता’ (कोलतार प्रदाता) बनाने वाले हैं। पराली का इस्तेमाल कोलतार तैयार करने में किया जाएगा और मेरा विभाग इस संबंध में एक योजना ला रहा है।’’
उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का सड़क ढांचा अमेरिका के बराबर हो जाएगा।
गडकरी ने कहा, ‘‘हम इस देश को ‘कचरा’ से मुक्त करना चाहते हैं। दिल्ली के रिंग रोड के लिए शहर के लगभग 25 लाख टन ठोस कचरे का इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह अहमदाबाद-धोलेरा रोड के लिए अहमदाबाद के 30 लाख टन ठोस कचरे का इस्तेमाल किया गया है।’’
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए दावा किया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश का नंबर एक राज्य बनेगा। उन्होंने कहा, ‘‘किसान तरक्की करेंगे, नौजवानों को रोजगार मिलेगा और उत्तर प्रदेश का सड़क आधारभूत ढांचा अमेरिका के बराबर हो जायेगा।’’
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गडकरी की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘नहीं’ शब्द उनके (गडकरी) शब्दकोश में नहीं है।
मुख्यमंत्री ने प्रतापगढ़ को अयोध्या और सुल्तानपुर से जोड़ने वाले चार लेन के राजमार्ग के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘अगले साल भव्य राम मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले लोगों को फायदा होगा।’’
योगी ने कहा कि विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘वाराणसी में जी-20 कार्यक्रम में शामिल होने आए जी-20 देशों के विदेशी मेहमान चार लेन की सड़कें देखकर गदगद हैं। आज काशी लखनऊ, प्रयागराज और गोरखपुर से चार लेन की सड़कों से जुड़ी हुई है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास और कानून-व्यवस्था के मॉडल के रूप में उभरा है। जिनकी अनैतिक गतिविधियों को हमने रोका है वही आज उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरी होती तो हमें वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 35 लाख करोड़ रुपये का निवेश नहीं मिलता।’’
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