देश की खबरें | किसानों को गुमराह किया जा रहा है, सरकार जरूरत पड़ने पर कृषि कानूनों में संशोधन कर सकती है : राजनाथ

नयी दिल्ली, 11 फरवरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों पर खुली वार्ता करने के लिए तैयार है और जरूरत पड़ने पर उनमें संशोधन कर सकती है। उन्होंने कहा कि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को ‘‘गुमराह’’ किया जा रहा है।

पूर्व कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में स्पष्ट किया है कि वर्तमान एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की व्यवस्था जारी रहेगी और नए कानूनों में किसानों के उत्पादों का सौदा होगा, न कि उनकी जमीन का ।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि किसानों के उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने और देश में कहीं भी उनके उत्पादों को बेचने के लिए नए कृषि कानून बने थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भ्रम का माहौल पैदा किया गया और कहा गया कि थोक बाजार खत्म हो जाएगा, एमएसपी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और किसानों की जमीन गिरवी पड़ जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि किसानों को ‘‘गुमराह’’ किया गया और ‘‘निहित स्वार्थ’’ के लिए लोगों ने यह भ्रम पैदा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में संसद में स्पष्ट रूप से कहा है कि एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘इन कृषि कानूनों पर वार्ता के लिए सरकार तैयार है और जरूरत पड़ने पर इनमें संशोधन कर सकती है।’’

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले ढाई महीने से अधिक समय से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन गतिरोध जारी है, क्योंकि किसान कानूनों को पूरी तरह वापस लेने पर अड़े हुए हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘हमारी सरकार समझती है कि ग्रामीण क्षेत्र ही देश की प्रगति की आधारशिला हैं। हमारे देश के अधिकतर लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और विभिन्न तरीके से देश की प्रगति में योगदान करते हैं।’’

कार्यक्रम में सिंह ने जनसंघ के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

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