नोएडा (उत्तर प्रदेश), 7 जनवरी : उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने नोएडा के सेक्टर-65 में फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड़ किया है. इस कॉल सेंटर के जरिए बीमा कराने के नाम पर लोगों से ठगी की जाती थी. एसटीएफ ने इस कॉल सेंटर के सरगना सहित नौ जालसाजों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) अमिताभ यश ने बताया कि एसटीएफ को पिछले कुछ दिनों से बीमा कंपनियों के ग्राहकों को फोन कर उन्हें लुभावने प्रलोभन देकर ठगी किए जाने की सूचना मिल रही थी. उन्होंने बताया कि इस मामले में मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. एडीजीपी ने बताया कि सूचना के आधार पर एसटीएफ ने नोएडा के सेक्टर-65 में बीमा कंपनी के नाम पर चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में छापेमारी की. गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान एसटीएफ को बताया कि वे विभिन्न बीमा कंपनियों के एजेंट से गैर कानूनी तरीके से ग्राहकों का डाटा खरीदते थे और फिर उन ग्राहकों को फोन करके बीमा में बोनस देने, बंद पॉलिसी को दोबारा शुरू कराने, किस्त जमा करने का लालच देकर अपने बैंक खातों में रुपये जमा कराते थे.
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने हरियाणा के सिरसा निवासी राधेराम गोदारा से तीन करोड़ रुपये, पंजाब के सतीश जैन से चार करोड़ रुपये, कानपुर के डॉ. मान सिंह से एक करोड़ रुपये ठगे हैं और सैकड़ों लोगों से 50 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बुलंदशहर निवासी मोनू वर्मा, गाजियाबाद निवासी राहुल वर्मा, गणेश शर्मा, हेमेश कुमार, मथुरा निवासी रवि कुमार, बागपत निवासी अनुज कुमार, संभल निवासी जाकिर, पश्चिम बंगाल के कूच बिहार निवासी विवेक बाग्ची, हरियाणा के सोनीपत निवासी सचिन कुमार के रूप में हुई है. यह भी पढ़ें : COVID-19: बेंगलुरु में 14 पुलिस अफसर हुए कोविड से संक्रमित, पुलिस स्टेशन सील
गिरफ्तार आरोपियों के पास से 21 मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रिंटर, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, विभिन्न बीमा कंपनियों का डाटा, फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेकबुक, अंगूठी, चेन, दो वाहन, 36,800 रुपये नकद बरामद हुए हैं. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा समेत एनसीआर क्षेत्र में फैला हुआ है. अधिकारी ने बताया कि आरोपियों से बरामद डाटा का फोरेंसिक ऑडिट कराया जा रहा है. बीमा कंपनियों का डाटा किस कर्मचारी से प्राप्त हुआ, इस संबंध में जांच की जा रही है. फर्जी बैंक खाते खोलने में किन बैंककर्मियों ने मदद की इसकी भी जांच की जा रही है.