दिल्ली, दो मार्च दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया के बीमार पत्नी से मुलाकात के लिए घर जाने पर हुए खर्च की वसूली उनसे न की जाए।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े एक मामले में सिसोदिया के आवेदन पर सुनवाई करते हुए ‘‘पूरी तरह से मानवीय आधार पर’’ यह आदेश पारित किया।
न्यायाधीश ने पांच फरवरी को हिरासत में रहते हुए सिसोदिया को सप्ताह में एक बार अपने घर पर अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी थी।
उन्होंने निर्देश दिया था कि सिसोदिया के घर आने-जाने का खर्च आरोपी द्वारा वहन किया जाएगा और इससे राज्य के खजाने पर बोझ नहीं पड़ेगा।
न्यायाधीश ने शनिवार को सिसोदिया के वकील की दलीलों पर ध्यान दिया जिसमें उन्होंने अदालत के पूर्व के आदेश में संशोधन का आग्रह किया था।
वकील ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने सिसोदिया से प्रति मुलाकात 40,000 रुपये से अधिक की भारी राशि लेने की बात कही है और इस प्रकार मुलाकात का मासिक खर्च लगभग दो लाख रुपये आता है।
इसके बाद अदालत ने मुलाकात पर आने वाला खर्च सिसोदिया से नहीं वसूलने का आदेश दिया।
इस बीच, न्यायाधीश ने आम आदमी पार्टी (आप) में उनके सहयोगी और मामले में सह-अभियुक्त संजय सिंह के साथ-साथ सिसोदिया की न्यायिक हिरासत सात मार्च तक बढ़ा दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि दिल्ली आबकारी नीति 2020-21 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस बढ़ाए गए।
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