देश की खबरें | आबकारी नीति: न्यायाधीश ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

नयी दिल्ली, 11 जुलाई उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने आम आदमी पार्टी के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उन याचिकाओं पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को खुद को अलग कर लिया जिनमें आबकारी नीति घोटाला मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने का अनुरोध किया गया था।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए उनकी दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक ऐसी पीठ सुनवाई करेगी जिसके सदस्य न्यायमूर्ति कुमार नहीं हों।

जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘‘हमारे भाई को कुछ परेशानी है। वह व्यक्तिगत कारणों से इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते।’’

सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पीठ से मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है।

पीठ ने कहा कि एक अन्य पीठ 15 जुलाई को इस मामले पर विचार करेगी।

शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को सिसोदिया की याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी। इससे पहले सिंघवी ने कहा था कि एक निस्तारित याचिका को फिर से दायर करने के लिए आवेदन दायर किया गया है। वह याचिका भी मामलों में जमानत की मांग करते हुए दायर की गई थी।

याचिका में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए विधि अधिकारी ने पीठ को बताया था कि मुख्य आबकारी नीति मामले और इससे जुड़े धनशोधन मामले में आरोपपत्र और अभियोजन शिकायत 3 जुलाई को या उससे पहले दायर की जाएगी।

सिंघवी ने कहा, ‘‘मनीष सिसोदिया मामले में 16 महीने से जेल में हैं। अदालत ने कहा कि मुकदमा समाप्त होना चाहिए, यह शुरू नहीं हुआ है। मैंने विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की, उन्होंने 3 जुलाई के बाद नए सिरे से दायर करने की छूट दी। अदालत ने सूचीबद्ध करने की छूट दी।’’

शीर्ष अदालत ने कथित शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से चार जून को इनकार कर दिया था।

आप नेता सिसोदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

सिसोदिया ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।

सीबीआई ने सिसोदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था।

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