देश की खबरें | नीट-पीजी के लिये ईडब्ल्यूएस मापदंड : न्यायालय जुलाई में करेगा मामले की अंतिम सुनवाई

नयी दिल्ली, 19 मई उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह नीट-पीजी में दाखिले के लिये आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईडब्लयूएस) के वास्ते सालाना आठ लाख रुपये की आय के मापदंड को लागू करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई में सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी. एस.नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई तीन सदस्यीय पीठ द्वारा किए जाने की जरूरत है और ग्रीष्मावकाश के दौरान इसपर सुनवाई करना संभव नहीं है।

पीठ ने कहा कि वह गर्मी की छुट्टियों के बाद अदालत के खुलने पर मामले पर सुनवाई करेगी।

नीट अभ्यर्थियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि नीट-पीजी 2022-23 जल्द ही होने वाली है और इसमें एकमात्र मुद्दा निर्धारित करने के लिये है कि सरकार द्वारा तय आठ लाख रुपये की सालाना आय का मापदंड लागू होगा या नहीं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने वास्तव में यह किया है कि उन्होंने ओबीसी में क्रीमी लेयर के लिए निर्धारित आठ लाख रुपये की आय के मानदंड को हटा दिया है और इसे ईडब्ल्यूएस के लिए अपनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही दर्शा चुके हैं कि प्रति व्यक्ति आय में बहुत असमानता है। अब सभी दलीलें पूरी हो गई हैं। हमने अपनी लिखित दलील दे दी है और उनका (केन्द्र) जवाबी हलफनामा भी रिकॉर्ड पर ले लिया गया है। मामला अंतिम सुनवाई के लिए तैयार है।’’

गत 14 फरवरी को, शीर्ष अदालत ने नीट-पीजी 2022-23 में आठ लाख रुपये की आय के ईडब्ल्यूएस मानदंड के लागू होने पर स्पष्टीकरण मांगने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि वह मामले पर विचार कर रहा है और जो भी फैसला करेगा, वह लागू होगा।

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