रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। इसके पहले लखनऊ के सरकारी आवास में मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याएं सुनीं थीं।
गोरखपुर में पिछला जनता दर्शन लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले नौ मार्च को हुआ था।
बयान के अनुसार रविवार सुबह जनता दर्शन में काफी संख्या ऐसे लोग थे जो गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक मदद की गुहार लेकर आए थे। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार इलाज में भरपूर मदद करने के लिए तत्पर है और हर जरूरतमंद को इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भरपूर मदद दी जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के अनुमानित चिकित्सीय खर्च की रिपोर्ट तैयार कर शासन को जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए और जिन पात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं, उनके आयुष्मान कार्ड बनवाए जाएं।
गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान योगी ने करीब 350 लोगों की समस्याएं सुनीं और समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण तथा संतुष्टिपरक समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और इत्मीनान से उनकी बात सुनने के बाद उनके प्रार्थनापत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित किया। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को भरोसा दिलाया कि सबकी पीड़ा दूर की जाएगी।
जनता दर्शन में पुलिस और राजस्व से जुड़ी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जिले स्तर पर ही समस्या का समाधान सुनिश्चित करें ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े।
उन्होंने हिदायत देते हुए कहा, ‘‘जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली अक्षम्य होगी। हर व्यक्ति की समस्या का पूरी प्रतिबद्धता और पारदर्शिता से न्यायोचित समाधान शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और इसमें किसी ने भी लापरवाही की तो उसे दंड का भागी बनना पड़ेगा। इसलिए अधिकारी संवेदनशीलता से लोगों की समस्याओं को सुनें और गुणवत्तापूर्ण, त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।’’
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