Delhi Cricket: सत्र खत्म होने के बाद भी दिल्ली क्रिकेट के सहयोगी स्टाफ को अनुबंध का इंतजार

दिल्ली की सीनियर क्रिकेट टीम का घरेलू सत्र पिछले महीने खत्म हो गया लेकिन सहयोगी स्टाफ के सदस्यों को अब भी दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से अपने कोचिंग अनुबंध का इंतजार है.

Cricket (Photo Credits Facebook)

नयी दिल्ली, 20 फरवरी दिल्ली की सीनियर क्रिकेट टीम का घरेलू सत्र पिछले महीने खत्म हो गया लेकिन सहयोगी स्टाफ के सदस्यों को अब भी दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से अपने कोचिंग अनुबंध का इंतजार है. अंडर-19 और अंडर-25 टीम के सहयोगी स्टाफ के साथ भी ऐसा ही है. दिल्ली की अंडर-19 टीम के लिए घरेलू सत्र पिछले साल दिसंबर में खत्म हो गया जबकि अंडर-25 टीम ने अपना आखिरी मैच एक हफ्ता पहले खेला. यह भी पढ़ें: क्लार्क ने अब तक भारतीय दौरे पर ऑस्ट्रेलिया की बड़ी गलतियों का किया खुलास

पीटीआई के संपर्क करने पर हालांकि विभिन्न आयु वर्ग की टीम से जुड़ा कोई भी सहयोगी कर्मचारी रिकॉर्ड पर कुछ भी कहने के लिए राजी नहीं हुआ.

अभय शर्मा ने अक्टूबर से जनवरी तक बिना किसी अनुबंध के दिल्ली की सीनियर टीम को कोचिंग दी और ऐसा ही अंडर-25 कोच पंकज सिंह, अंडर-19 कोच जसवंत राय और सहयोगी स्टाफ के अन्य सदस्यों का भी हाल रहा.

डीडीसीए से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सहयोगी स्टाफ को जल्द ही अनुबंध दिए जाएंगे और उन्हें पूर्ण भुगतान किया जाएगा.

सूत्र ने कहा, ‘‘जल्द ही अनुबंध दिए जाएंगे और विभिन्न आयु वर्ग के कोच को पूर्ण भुगतान किया जाएगा. सत्र के दौरान उनके दैनिक भत्तों का भुगतान किया जा चुका है.’’

आयु वर्ग के सहयोगी स्टाफ के सदस्यों ने पीटीआई को पुष्टि की कि उन्हें दैनिक भत्तों का भुगतान समय पर किया गया.

सहयोगी स्टाफ के एक सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘यह पूरी व्यवस्था आपसी भरोसे पर चलती है और हमें पता है कि हमें अंतत: हमारा पैसा मिल जाएगा। लेकिन यह बेहतर होता अगर अनुबंध सत्र की शुरुआत से पहले दिए जाते, सत्र खत्म होने के बाद नहीं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘दैनिक भत्तों को लेकर कोई समस्या नहीं थी लेकिन कई बार आपको अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ता है क्योंकि आप देश भर की यात्रा करते हैं.’’

वर्ष 2007-08 में पिछला रणजी खिताब जीतने वाली दिल्ली की टीम ने भारत को विराट कोहली, वीरेंद्र सहवाग और ऋषभ पंत जैसे क्रिकेटर दिए हैं.

पुरानी प्रतिष्ठा हासिल करने की कवायद में जुटे दिल्ली क्रिकेट को इस सत्र में भी विवाद का सामना करना पड़ा. डीडीसीए ने रणजी ट्रॉफी अभियान के बीच में ही सीनियर चयन समिति को भंग कर दिया क्योंकि रणजी ट्रॉफी के दौरान टीम में शामिल खिलाड़ी विशेषकर तेज गेंदबाज लगातार चोटिल होते रहे.

दिल्ली की टीम नॉकआउट में जगह बनाने में विफल रही लेकिन टीम ने चार दशक से अधिक समय में मुंबई की मजबूत टीम को पहली बार हराया, टीम ने अपने रणजी अभियान का अंत हैराबाद के खिलाफ रणजी मैच में जीत के साथ किया.

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