लाहौर, पांच नवंबर करतारपुर साहिब गुरूद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधन समिति के हाथ से लेकर एक पृथक न्यास को देने के पाकिस्तान के निर्णय पर भारत द्वारा कड़ा ऐतराज जताने के बीच एक शीर्ष पाकिस्तानी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिख संगठन उसका हिस्सा होगा।
संघीय मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति ने इवैक्यू ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रशासनिक नियंत्रण में गुरुद्वारा दरबार साहिब के प्रबंधन एवं रखरखाव के लिए स्ववित्तपोषण निकाय ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) करतारपुर कॉरीडेार’ की स्थापना को हाल ही में मंजूरी दी थी।
भारत ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के फैसले को ‘बहुत ही निंदनीय’ करार दिया था और कहा था कि यह सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के विरूद्ध है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने नयी दिल्ली में कहा, ‘‘ इस तरह की कार्रवाइयां केवल पाकिस्तान सरकार और उसके नेतृत्व के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण के संरक्षण के बड़े बड़े दावों की वास्तविकता को उजागर करती हैं।’’
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उसने कहा, ‘‘ पाकिस्तान से अल्पसंख्यक सिखों को पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के मामलों के प्रबंधन के अधिकार से वंचित करने के मनमाने फैसले को पलटने का आह्वान किया जाता है।’’
ईटीपीबी एक सांविधिक निकाय है जो हिंदुओं एवं सिखों की धार्मिक संपत्तियों तथा एवं धर्मस्थलों का प्रबंधन करता है , क्योंकि वे विभाजन के बाद भारत चले गये थे।
ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशिमी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पीएसजीपीसी उसका हिस्सा होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ संघीय सरकार ने इस सप्ताह के प्रारंभ में करतारपुर कॉरीडोर का प्रशासनिक नियंत्रण ईटीपीबी को सौंपा था। उससे पहले बस बोर्ड गुरूद्वारा दरबार साहिब के विषयों को देख रहा था।’’
हाशमी ने कहा कि पहले कई अन्य एजेंसियां और विभाग कॉरीडोर से जुड़े विषयों में शामिल थे और अब यह एक विभाग के अंतर्गत हो गया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या पीएसजीपीसी को कोई प्रशासनिक या अन्य भूमिका नहीं दी गयी है तो उन्होंने कहा कि सिख निकाय पूरी तरह शामिल है क्योंकि यह ईटीपीबी का हिस्सा है।
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