लंदन, 17 अप्रैल ब्रिटेन के डॉक्टरों की एक अग्रणी यूनियन ने शुक्रवार को सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक जातीय समुदायों पर कोविड-19 के विषम प्रभाव को लेकर उसकी समीक्षा से संबंधित चीजों की सूचना सही समय पर उपलब्ध हो।
ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) ने डाउनिंग स्ट्रीट की इस सप्ताह की इस घोषणा का स्वागत किया कि ‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैण्ड’ यह पता लागने के लिए की जा रही जांच का नेतृत्व करेगा कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस की वजह से भारतीय और अन्य जातीय अल्पसंख्यक समुदायों में अधिक मृत्यु दर और गंभीर लक्षणों का क्या कारण है।
हालांकि समीक्षा की वास्तविक प्रकृति अभी तय की जानी बाकी है।
बीएमए परिषद के अध्यक्ष डॉ. चांद नागपाल ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि सरकार ने इस समीक्षा के लिए बीएमए के आह्वान पर ध्यान दिया है। यदि समीक्षा का कोई सार्थक प्रभाव होता है तो इससे संबंधित चीजों की जानकारी सही समय पर दिए जाने की आवश्यकता है, ताकि यह समझा जा सके कि यह घातक विषाणु मृत्यु के मामले में हमारे अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों पर क्यों और कैसे विषम प्रभाव डालता है।’’
कोरोना वायरस से मरने वालों में अधिकतर लोगों के उक्त समुदायों से होने के कारण नागपाल ने संबंधित समीक्षा की पैरवी की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें जातीयता, परिस्थिति और अस्पतालों में भर्ती सभी लोगों की विशिष्टताओं तथा बीमारी के स्तरों के बारे में भी सूचना रोजाना अद्यतन होनी चाहिए जो वर्तमान में दर्ज नहीं होती।’’
नागपाल ने कहा, ‘‘सरकार को इस घातक अंतर के समाधान के लिए प्रत्येक आवश्यक कदम उठाना चाहिए और आबादी के सभी तबकों के लोगों की समान रूप से रक्षा करनी चाहिए।’’
बीएमए चाहती है कि सरकार सभी अस्पतालों को निर्देश जारी कर कहे कि वे कोविड-19 की वजह से भर्ती होने वाले और मरने वाले रोगियों की जातीयता संबंधी तथ्यों को तत्काल दर्ज करें।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)