नयी दिल्ली, 14 जुलाई केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बृहस्पतिवार को पशु चारे की लागत में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पशुओं की खाद्य सुरक्षा के बारे में भी सोचने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जानवरों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ कार्यक्रम तैयार करने की जरूरत है।
मंत्री यहां 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
यह कोष व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और धारा -8 की कंपनियों द्वारा अन्य उद्देश्यों के साथ डेयरी और मांस प्रसंस्करण क्षमता, पशु चारा संयंत्र और नस्ल सुधार में निवेश को प्रोत्साहित करने लिए बनाया गया है।
रूपाला ने कहा कि सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र इस उद्देश्य को पूरा करने में बहुत योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय पशुपालन करने वाले कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) प्रदान करने के लिए आक्रामक तरीके से काम कर रहा है।
इससे पहले मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान ने पशु चारे की बढ़ती लागत पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दूध और पॉल्ट्री उत्पादों के दाम बहुत अधिक नहीं बढ़ाए जा सकते क्योंकि इससे उपभोक्ताओं का हित प्रभावित होगा।
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