चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने तमिलनाडु (Tamil Nadu) सरकार को सलाह दी है कि वह पूरे राज्य में सभी जातियों के लिए एक शमशान/कब्रिस्तान की व्यवस्था सुनिश्चित करे. न्यायमूर्ति आर. महादेवन ने अरुनततियार समुदाय के स्थाई कब्रिस्तान के लिए जगह आवंटित करने का कलाकुरिची के जिलाधिकारी को निर्देश देने का अनुरोध करने वाले कलाईसेल्वी और राजाराम की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए. दिल्ली में शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या बढ़ाने के लिये याचिका
न्यायाधीश ने सलाह दिया कि प्रत्येक गांव/ब्लॉक/जिले में अलग-अलग समुदायों द्वारा सिफ उनकी जाति के उपयोग के लिए शमशान/कब्रिस्तान होने का बोर्ड लगाए हुए जगहों से सभी बोर्ड हटा दिए जाएं और पूरे शमशान/कब्रिस्तान को बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों के लिए समान रूप से उपयोग की व्यवस्था की जाए.
अदालत के अन्य सलाहों में प्रत्येक गांव में संबंधित धर्मों की सभी जातियों/समुदायों के लिए समान शमशान/कब्रिस्तान का निर्माण/व्यवस्था करना शामिल है. लेकिन यह व्यवस्था इस प्रकार की जानी है जिसमें प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का हनन का हो.
न्यायाधीश ने सरकार को स्कूली पाठ्यक्रम में धर्म और साम्प्रदायिक सौहार्द, विभिन्न धर्मों, समुदायों, संस्कृति और परंपराओं के बीच की विविधताओं का परस्पर सम्मान करना आदि को शामिल करने की भी सलाह दी.
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