श्रीनगर, 16 सितंबर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने सोमवार को लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि रशीद पिछले दो महीने से जेल में नहीं थे।
लोन ने कहा कि रशीद की तिहाड़ जेल से रिहाई भाजपा की चाल लग रही है। लोन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह 1947 के बाद से दिल्ली (केंद्र सरकार) की सबसे खराब तरीके से लागू की गई योजना है। किसी भी योजना को इतनी बुरी तरह से लागू नहीं किया गया। इसमें भाजपा की चाल नजर आ रही है।’’
पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख लोन इस साल लोकसभा चुनाव में बारामूला से रशीद से हार गए थे। लोन ने कहा कि हालांकि वह किसी को एजेंट या ‘प्रॉक्सी’ करार देने में विश्वास नहीं करते, लेकिन अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख रशीद को लोगों को बताना चाहिए कि वह पिछले दो महीनों से कहां थे।
उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले दो महीनों से जेल में नहीं थे...उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि वह कहां थे।’’ लोन ने दावा किया कि जब भी केंद्र सरकार किसी ऐसे व्यक्ति से बातचीत करना चाहती है जो जेल में है, तो वह व्यक्ति बीमार हो जाता है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।
लोन ने कहा, ‘‘मैंने 1991 से ही ऐसा होते देखा है। यह कोई नयी बात नहीं है, लेकिन पिछली सरकारों के पास इसे लागू कगाया कि रशीद पिछले दो महीने से जेल में नहीं थे।
एजेंसी न्यूज
Bhasha|
Sep 16, 2024 11:18 PM IST
श्रीनगर, 16 सितंबर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने सोमवार को लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि रशीद पिछले दो महीने से जेल में नहीं थे।
लोन ने कहा कि रशीद की तिहाड़ जेल से रिहाई भाजपा की चाल लग रही है। लोन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह 1947 के बाद से दिल्ली (केंद्र सरकार) की सबसे खराब तरीके से लागू की गई योजना है। किसी भी योजना को इतनी बुरी तरह से लागू नहीं किया गया। इसमें भाजपा की चाल नजर आ रही है।’’
पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख लोन इस साल लोकसभा चुनाव में बारामूला से रशीद से हार गए थे। लोन ने कहा कि हालांकि वह किसी को एजेंट या ‘प्रॉक्सी’ करार देने में विश्वास नहीं करते, लेकिन अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख रशीद को लोगों को बताना चाहिए कि वह पिछले दो महीनों से कहां थे।
उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले दो महीनों से जेल में नहीं थे...उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि वह कहां थे।’’ लोन ने दावा किया कि जब भी केंद्र सरकार किसी ऐसे व्यक्ति से बातचीत करना चाहती है जो जेल में है, तो वह व्यक्ति बीमार हो जाता है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।
लोन ने कहा, ‘‘मैंने 1991 से ही ऐसा होते देखा है। यह कोई नयी बात नहीं है, लेकिन पिछली सरकारों के पास इसे लागू करने का एक तरीका था। इसे बहुत बुरी तरह से लागू किया गया, यह उनकी (भाजपा) विचारधारा जितनी ही घिनौनी है।’’
लोन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के लिए केंद्र और स्थानीय प्रशासन की ओर से हस्तक्षेप किया जाता है।
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