नयी दिल्ली, 23 जून कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय पर केंद्र सरकार के ‘प्रवर्तन निर्देशों की संस्था’ बन जाने का आरोप लगाया और सवाल किया कि उन आरोपों पर अडाणी समूह से पूछताछ कब होगी जिनमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में एक परियोजना के संदर्भ में इस समूह की कथित तौर पर पैरवी की थी।
मुख्य विपक्षी दल का यह आरोप मीडिया के एक हिस्से में आई खबरों पर आधारित है। इस आरोप को श्रीलंका की सरकार और अडाणी समूह दोनों ने खारिज किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी जी से ईडी ने पिछले कई दिनों में कई बार पूछताछ की है। यह सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश और राजनीतिक नाटक था।’’
उन्होंने उन खबरों का हवाला दिया जिनमें दावा किया गया था कि श्रीलंका की सरकारी कंपनी ‘सेलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड’ के प्रमुख ने वहां की एक संसदीय समिति के समक्ष कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री ने एक परियोजना को हासिल करने के लिए श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर कथित तौर पर दबाव डाला था।
वल्लभ ने सवाल किया, ‘‘इस मामले में पूछताछ क्यों नहीं हुई? ईडी और दूसरी एजेंसियां क्यों सोई हुई हैं?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय अब मोदी सरकर के ‘प्रवर्तन निर्देशों की संस्था’ बन गया है।
श्रीलंका से जुड़े इस विवाद के प्रकाश में आने के बाद अडाणी समूह ने एक बयान में आरोपों को खारिज करते हुए कहा था, ‘‘श्रीलंका में निवेश करने का हमारा इरादा पड़ोसी की जरूरतों का निदान करने से जुड़ा है....ध्यान भटकाने के लिए जो हुआ है उससे हम निराश हैं। सच्चाई यह है कि श्रीलंका सरकार द्वारा इस मामले का निवारण कर दिया गया।’’
श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने आरोपों को सिरे से खारिज किया था।
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