नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर : कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के चलते देश में रोजगार की स्थिति दयनीय हो गई है और श्रमिक अब ‘‘भगवान भरोसे’’ रह गए हैं.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि अगर अगले साल विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को सरकार बनाने का मौका मिलता है तो यह भयावह स्थिति बदल सकती है.
रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘2018 में जब प्रधानमंत्री मोदी से भारत में बढ़ती बेरोज़गारी को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने हमेशा की तरह किसी भी समस्या के होने से इनकार किया था और बेहद संवेदनहीनता के साथ कहा था कि पकौड़े का ठेला लगाना भी एक अच्छा रोजगार है. यह देश के लिए बड़े दुख की बात है कि यही ऐसा वादा था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने पूरा किया है.’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार द्वारा कराए गए वर्ष 2022-23 के ‘आवधिक श्रमिक बल सर्वेक्षण’ (पीएलएफएस) के अनुसार, स्व-रोजगार के लिए मजबूर होने वाले लोगों का अनुपात आज 57 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है, जो पांच साल पहले 52 प्रतिशत था. नियमित रूप से वेतन पाने वाले श्रमिकों का अनुपात 24 प्रतिशत से गिरकर 21 प्रतिशत हो गया है, जो मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग में व्याप्त व्यापक संकट को दर्शाता है.’’
कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि स्व-रोजगार करने वालों के पकौड़े भी कम बिक रहे हैं क्योंकि पिछली 4 तिमाहियों में उनकी मासिक आय 9.2 प्रतिशत गिरकर 12,700 रुपये से 11,600 रुपये रह गई है. रमेश ने दावा किया, ‘‘भारत के श्रमिकों के लिए संदेश बड़ा स्पष्ट है कि अब आप भगवान भरोसे हैं.
नोटबंदी, जीएसटी जैसी मोदी सरकार की गलत नीतियों और प्रत्येक क्षेत्र में बड़े पूंजीनिष्ठ एकाधिकार प्राप्त व्यवसायियों के प्रति पक्षपातपूर्ण झुकाव ने इस दयनीय स्थिति को लाने में विशेष योगदान दिया है.’’ उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार ही इस भयावह स्थिति को बदल सकती है.
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