Elvish Yadav Case: एल्विश यादव को सुरक्षा की दृष्टि से अति सुरक्षित बैरक में रखा गया- पुलिस

रेव पार्टी आयोजित करने और नशे के लिए सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल के मामले में रविवार को गिरफ्तार किए गए यूट्यूबर एल्विश यादव को मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर जेल की उच्च सुरक्षा वाली बैरक में भेजा गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

नोएडा, 19 मार्च : रेव पार्टी आयोजित करने और नशे के लिए सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल के मामले में रविवार को गिरफ्तार किए गए यूट्यूबर एल्विश यादव को मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर जेल की उच्च सुरक्षा वाली बैरक में भेजा गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी. रियलिटी शो ‘बिग बॉस ओटीटी’ के विजेता यादव को गिरफ्तारी के बाद सूरजपुर की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने बताया कि एल्विश को रविवार को गिरफ्तारी के बाद ‘पृथकवास’ बैरक में रखा गया था.

जेल अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि एल्विश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे जेल में बनी अति सुरक्षित बैरक में रखा गया है. उन्होंने बताया कि उक्त बैरक में पूर्व से तीन अन्य लोग बंद है, जो अन्य जनपदों से स्थानांतरित होकर नोएडा कारागार में आए हैं. अधिकारियों के अनुसार सोमवार को एल्विश के पिता ने जेल में उससे मुलाकात की थी. पुलिस के अनुसार एल्विश से पूछताछ के लिए 150 सवालों की सूची बनाई गई थी. एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान जैसे ही अधिकारियों ने उससे सांपों के जहर की रेव पार्टियों में आपूर्ति करने के मामले में उसकी कथित संलिप्तता पर सवाल पूछा तो वह एकदम शांत हो गया और उसने कहा कि उसे इस बारे में कुछ भी नहीं कहना है. यह भी पढ़ें : PM Modi Showered With Flower Petals In Palakkad: केरल के पलक्कड़ में रोड शो के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर की गई फूलों की वर्षा, देखें वीडियो

पुलिस के अनुसार एल्विश ज्यादातर सवालों का जवाब ‘हां’ और ‘नहीं’ में देता रहा. यादव (26) पिछले साल तीन नवंबर को यहां सेक्टर-49 थाने में दर्ज प्राथमिकी में नामजद छह आरोपियों में से एक है. अधिकारियों ने कहा कि पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं. पुलिस के मुताबिक, मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 284 (जहर से संबंधित लापरवाही भरा आचरण) और 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाही भरा आचरण) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था.

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