मुंबई, आठ जून बंबई उच्च की एक पीठ ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर हनी बाबू की जमानत याचिका पर सुनवाई से बुधवार को खुद को अलग कर लिया।
बाबू ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ पिछले महीने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
वकील युग चौधरी और पायोशी रॉय के माध्यम से दाखिल बाबू की याचिका पिछले महीने उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी। उस समय अवकाश पीठ ने निर्देश दिया था कि उच्च न्यायालय की नियमित पीठ को याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए।
बुधवार को जब याचिका न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की पीठ के समक्ष आई तो पीठ ने बिना कारण बताए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया।
न्यायमूर्ति मोहिते-डेरे ने तलोजा जेल में बंद एल्गार परिषद मामले के सह-आरोपी गौतम नवलखा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई से भी खुद को अलग कर लिया, जिन्होंने जेल में टेलीफोन कॉल की सुविधा उपलब्ध कराने समेत अन्य जरूरतों को पूरा करने की अपील की थी।
हनी बाबू को जुलाई 2020 में दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। वह भी तलोजा जेल में बंद हैं।
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