नयी दिल्ली, 18 नवंबर : दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव का टिकट दिलवाने के बदले कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी से करीब 11 घंटे तक पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान त्रिपाठी ने उनके और उनके रिश्तेदार सहित उनके सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया. एसीबी ने निगम चुनाव में ‘आप’ के एक कार्यकर्ता गोपाल खारी की पत्नी के लिए टिकट की व्यवस्था कराने को लेकर कथित तौर पर 90 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में मंगलवार को त्रिपाठी के रिश्तेदार और उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था.
त्रिपाठी को पूर्वाह्न 11 बजे एसीबी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह पूर्वाह्न करीब साढ़े दस बजे ही एसीबी कार्यालय पहुंच गए. अधिकारी ने बताया कि वह रात करीब नौ बजे एसीबी कार्यालय से निकले. अधिकारी ने कहा, ‘‘त्रिपाठी से करीब 11 घंटे तक पूछताछ की गई. त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने और उनके रिश्तेदार समेत उनके सहयोगियों ने आप कार्यकर्ता से कोई पैसा नहीं लिया.’’ अधिकारी ने कहा कि मॉडल टाउन से आप विधायक ने दावा किया कि वह कभी खारी से नहीं मिले. उन्होंने कहा कि दावों के सत्यापन के लिए विधायक और उनके सहयोगियों के आवास और कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी. यह भी पढ़ें : UP: समाचार पोर्टल का ‘संपादक’ होने का दावा करने वाला युवक यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार
रिश्वत का यह कथित मामला सोमवार को उस समय प्रकाश में आया, जब आप कार्यकर्ता गोपाल खारी अपनी शिकायत लेकर एसीबी के पास पहुंचे. खारी का दावा है कि वह 2014 से ‘आप’ के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. एसीबी ने बताया था कि खारी ने नौ नवंबर को विधायक त्रिपाठी से मुलाकात कर अपनी पत्नी को कमला नगर के वार्ड नंबर-69 से पार्षद चुनाव के लिए ‘आप’ का टिकट दिलाने का अनुरोध किया था. शिकायत के मुताबिक, त्रिपाठी ने टिकट के बदले कथित तौर पर 90 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद खारी ने उन्हें 35 लाख रुपये का भुगतान किया था. शिकायत के अनुसार, त्रिपाठी के कहने पर खारी ने ‘आप’ विधायक राजेश गुप्ता को भी 20 लाख रुपये दिए थे.
शिकायत में दावा किया गया है कि खारी ने त्रिपाठी से कहा था कि वह बाकी राशि का भुगतान टिकट मिलने के बाद करेंगे. हालांकि ‘आप’ द्वारा रविवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में खारी को अपनी पत्नी का नाम नहीं दिखा. शिकायत के अनुसार, बाद में त्रिपाठी के रिश्तेदार ओम सिंह ने खारी से संपर्क किया और भरोसा दिलाया कि उन्हें अगले चुनाव में टिकट दिया जाएगा. शिकायत के मुताबिक, सिंह ने खारी को रिश्वत की रकम लौटाने की पेशकश भी की. एसीबी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने रिश्वत की राशि के भुगतान और वापसी के दौरान हुई कथित बातचीत की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की है. एमसीडी के 250 वार्ड के लिए चार दिसंबर को मतदान होगा और सात दिसंबर को मतगणना होगी.