जयपुर, 26 जुलाई राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को राज्य में कौशल विकास से जुड़ी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकाधिक प्रसार का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चाहिए कि वे अपने यहां कौशल विकास से जुड़े ऐसे पाठ्यक्रम निर्मित कर उनकी पढ़ाई सुनिश्चित करें जो विद्यार्थियों में मौलिक सोचने की शक्ति विकसित करने के साथ-साथ भावी जीवन के लिए उन्हें समर्थ बना सके।
मिश्र राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कौशल शिक्षा को देश के आर्थिक विकास का प्रमुख आधार बताते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए विद्यार्थियों को स्थानीय हुनर में दक्ष करने के अधिकाधिक प्रयास हों। उन्होंने कहा कि कौशल आधारित शिक्षा देश में रोजगार क्षमता में तेजी से सुधार लाती है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी शिक्षा केवल औपचारिक नहीं रहे बल्कि उसका संबंध विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के निर्माण से भी हो।
उन्होंने नयी शिक्षा नीति के आलोक में कृत्रिम बुद्धिमता का प्रभावी और सकारात्मक उपयोग करते हुए कार्यात्मक, स्व-प्रबंधन और विशेष ज्ञान कौशल से जुड़ी शिक्षा के विशेष प्रसार का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत 2047’ की जो संकल्पना संजोई गई है उसकी पूर्ति भी तभी संभव है जब देश कौशल विकास में सक्षम हो।
राज्य के कौशल विकास मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने करगिल दिवस पर देश के सैनिकों को याद करते हुए शौर्य की भारत की महान परंपरा से युवाओं को प्रेरणा लेते हुए कौशल विकास में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
कुंज पृथ्वी
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